मंगलवार को गुजरात के साबरकांठा ज़िले में स्थित साबर डेयरी के बाहर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे पशुपालकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. पशुपालक डेयरी के मुनाफे में अपनी हिस्सेदारी की मांग कर रहे थे. इस दौरान हुई झड़प में एक पशुपालक की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इस घटना ने राज्य में राजनीति को गर्मा दिया है. आम आदमी पार्टी ने इसे ‘तानाशाही’ करार देते हुए बीजेपी सरकार पर सीधा हमला बोला है.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस घटना को दुखद बताते हुए कहा कि डेयरी के मुनाफे में हिस्सा मांगना कोई अपराध नहीं है. उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे पशुपालकों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस चलवाकर बर्बरता की सारी हदें पार कर दी हैं. एक्स (पूर्व ट्विटर) पर किए गए पोस्ट में केजरीवाल ने कहा, "एक डेयरी किसान की मौत बेहद दुखद है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे. गुजरात की जनता इस तानाशाही का जवाब देगी."
घटना के बाद आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मृतक पशुपालक के परिवार से मिलने पहुंचे. पार्टी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष इशुदान गढ़वी, प्रभारी गोपाल राय, संगठन मंत्री जयदीप सिंह चौहान समेत कई नेताओं ने परिवार को सांत्वना दी. इशुदान गढ़वी ने कहा कि अपने अधिकारों की मांग करना गलत नहीं है, और बीजेपी सरकार को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह पुलिस बल से किसानों और पशुपालकों की आवाज को दबा सकेगी.
जानकारी के अनुसार, साबर डेयरी के बाहर पशुपालक लंबे समय से मुनाफे में अपनी हिस्सेदारी की मांग कर रहे थे. मंगलवार को शांतिपूर्ण ढंग से इकट्ठा हुए पशुपालकों पर अचानक लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए. आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इस कार्रवाई को 'दमनात्मक' और 'अलोकतांत्रिक' बताया और मृतक को न्याय दिलाने की मांग की. पार्टी ने इस मुद्दे को विधानसभा और राष्ट्रीय स्तर तक उठाने की बात कही है.