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India Daily

"आप" नेता आतिशी ने सीलमपुर में सद्भावना कांवड़ शिविर का किया उद्घाटन, बताया गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक

सीलमपुर का सद्भावना कांवड़ शिविर न केवल धार्मिक एकता का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत की सच्ची ताकत उसकी विविधता और सौहार्द में निहित है. यह आयोजन देश में नफरत फैलाने वालों के खिलाफ एक मजबूत संदेश देता है और दिल्ली की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करता है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Former Delhi CM Atishi
Courtesy: Social Media

आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने बुधवार (16 जुलाई) को सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र के वेलकम पुल पर आयोजित विशाल सद्भावना कांवड़ शिविर का उद्घाटन किया. रिबन काटकर इस शिविर की शुरुआत करते हुए आतिशी ने सावन के पवित्र महीने की शुभकामनाएं दीं और इसे गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा, “सीलमपुर का यह सद्भावना कांवड़ शिविर गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है.” आतिशी ने इस शिविर को भाईचारे और एकता का संदेश देने वाला बताया, जो 1994 से मुस्लिम समुदाय के भाइयों द्वारा आयोजित किया जा रहा है.

भाईचारे का संदेश

आतिशी ने अपने संबोधन में कहा कि यह शिविर देश में नफरत और विभाजन की राजनीति करने वालों को करारा जवाब देता है. उन्होंने बचपन की यादें साझा करते हुए कहा, “जब हम बच्चे थे, हमें यह पता ही नहीं था कि पड़ोस में जिसके घर जा रहे हैं, वह हिंदू है या मुसलमान. हम साथ में दीवाली भी मनाते थे और ईद भी.” उन्होंने जोर देकर कहा कि यही दिल्ली और भारत की असली संस्कृति है, जहां विभिन्न धर्मों और भाषाओं के लोग एकजुट होकर रहते हैं. आतिशी ने इस शिविर को भारत की एकता का प्रतीक बताया, जो यह साबित करता है कि “मज़हब दीवार नहीं, दिलों को जोड़ने वाला पुल बनाता है.”

‘आप’ सरकार की भूमिका

आतिशी ने बताया कि ‘आप’ सरकार के पिछले दस वर्षों के कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांवड़ यात्रियों के लिए शानदार सुविधाएं उपलब्ध कराईं. इसके परिणामस्वरूप दिल्ली में कांवड़ यात्रा का आयोजन और भी भव्य हो गया. उन्होंने कहा कि सीलमपुर का यह कांवड़ शिविर, जिसे ‘आप’ विधायक चौधरी ज़ुबैर अहमद और उनके साथी वर्षों से आयोजित कर रहे हैं, यह दर्शाता है कि “मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना.” आतिशी ने जोड़ा, “जब एक मुस्लिम भाई शिवभक्त को हाथ जोड़कर जल चढ़ाने के लिए विदा करता है, तो वहां सिर्फ़ सेवा ही नहीं, बल्कि भारत की असली रूह बसती है.

”नफरत की राजनीति को चुनौती

आतिशी ने देश में धर्म और भाषा के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश करने वालों को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, “यह सद्भावना कैंप देश में गंदी राजनीति करने वालों को आईना दिखा रहा है कि तुम हमें कितना भी लड़वाने की कोशिश करो, इस देश के हर धर्म के लोग एक हैं.” यह शिविर भारत की एकता और सांप्रदायिक सौहार्द की ताकत को रेखांकित करता है.

आभार और अपील

आतिशी ने इस पहल के लिए विधायक चौधरी ज़ुबैर अहमद और उनके साथियों को सभी दिल्लीवासियों की ओर से बधाई दी. उन्होंने कहा, “देश में गंगा-जमुनी तहजीब बनी रहनी चाहिए.” आतिशी ने इस शिविर को भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बताते हुए इसे और मजबूत करने की अपील की.