Chhattisgarh Crime: छत्तीसगढ़ पुलिस ने फोनपे के जरिए मोबाइल चुराने और बैंक खाते खाली करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कावड़ी बनकर पश्चिम बंगाल और झारखंड में छापेमारी कर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस गिरोह का सरगना भी इसमें शामिल है. यह गिरोह साहेबगंज नाम से मशहूर है.
पुलिस के अनुसार, हाल ही में गुढ़ियारी और तेलीबांधा की सब्जी मंडियों में मोबाइल फोन चोरी की घटना हुई थी. मोबाइल फोन चुराने के बाद, पीड़ितों के बैंक खातों से फोनपे के जरिए पूरी रकम निकाल ली गई थी. इस शिकायत के आधार पर दोनों थानों में अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे.
जांच के दौरान, आरोपियों ने बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए थे. उस बैंक खाते और मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने पश्चिम बंगाल से देवा उर्फ देव कुमार महतो, कन्हैया कुमार मंडल, विष्णु कुमार मंडल और ओम प्रकाश ठाकुर को गिरफ्तार किया. इससे पहले, विकास महतो, यासीन कुरैशी, शेख सुलेमान उर्फ राजन, अंकित शर्मा, सोनू कुमार मंडल, पिंटू कुमार मोहले को गिरफ्तार किया जा चुका है.
अपराध शाखा के उपनिरीक्षक मुकेश सोरी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पश्चिम बंगाल और झारखंड भेजी गई थी. पुलिस कवाड़ी के वेश में आरोपियों को गिरफ्तार करने पहुंची. आरोपियों की पहचान के बाद चारों को गिरफ्तार कर लिया गया.
आरोपियों का गिरोह देशभर में मोबाइल चोरी करता है. अब तक 80 से ज्यादा मोबाइल चोरी कर चुका है. मोबाइल चोरी करने के साथ-साथ वे उसका पासवर्ड भी क्रैक कर लेते हैं. जिस मोबाइल का पासवर्ड क्रैक होता है, उसका पासवर्ड रीसेट कर दिया जाता है. उसके बाद नया पासवर्ड बनाया जाता है. इसके जरिए मोबाइल धारक के बैंक खाते से पूरी रकम निकाल ली जाती है. छत्तीसगढ़ के अलावा, आरोपियों ने बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी अपराध किए हैं.
वह वेतन के लिए मोबाइल फोन चुराता था. आरोपियों का यह गिरोह साहेबगंज के नाम से सक्रिय है. इसका मास्टरमाइंड देवा है. उसने कन्हैया कुमार, विष्णु कुमार और 2 अन्य को मोबाइल फोन चुराने के लिए रायपुर भेजा था. देवा उन्हें हर महीने 25,000 रुपये देता था. वे मोबाइल फोन चुराते थे और उनका फोनपे रीसेट करते थे. इसके बाद, वह कोलकाता निवासी ओमप्रकाश ठाकुर के खाते में राशि ट्रांसफर करता था. ओमप्रकाश पूरी रकम निकालकर फिर साहेबगंज भेजता था. गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल फोन में 50 क्यूआर कोड मिले हैं. इनमें करोड़ों रुपये के लेन-देन पाए गए हैं. उनकी जांच चल रही है.