IIIT Raipur Student: भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT), रायपुर में साइबर शोषण का एक परेशान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक छात्र ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का इस्तेमाल करके 36 सहपाठियों की तस्वीरों के साथ अश्लील सामग्री तैयार की. बिलासपुर का रहने वाला आरोपी छात्र घटना के प्रकाश में आने के बाद से फरार है.
ये तस्वीरें इंस्टाग्राम, फेसबुक और लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से डाउनलोड की गई थीं और पिछले कुछ महीनों में AI-बेस्ड एडिटिंग टूल्स का इस्तेमाल करके उनमें बदलाव किया गया था
आरोपी ने अपने सहपाठियों, जिनमें महिला और पुरुष दोनों शामिल थे की प्रोफाइल तस्वीरों को निशाना बनाया और AI का इस्तेमाल करके उन्हें अनुचित और अश्लील रूप दिया. इस प्रकार का साइबर शोषण सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत गंभीर आपराधिक मामलों में आता है.
जब कुछ पीड़ितों को अपनी तस्वीरों के दुरुपयोग के बारे में पता चला, तो उन्होंने संस्थान प्रबंधन से लिखित शिकायत दर्ज कराई. आरोपी को तुरंत निलंबित कर दिया गया और संस्थान ने एक आंतरिक जांच शुरू कर दी. हालांकि, पीड़ितों ने चिंता व्यक्त की है कि संस्थान ने इस मामले को कमतर आंकने की कोशिश की और पुलिस को तुरंत इसकी सूचना नहीं दी.
पीड़ितों को खास रूप से इस बात की चिंता है कि छेड़छाड़ की गई तस्वीरें लीक हो सकती हैं या ऑनलाइन बेची जा सकती हैं, जिससे उनकी निजता को स्थायी नुकसान पहुंच सकता है. उन्होंने साइबर पुलिस से मामले की गहन जांच करने और आरोपी के उपकरणों और क्लाउड खातों से किसी भी आपत्तिजनक डेटा को स्थायी रूप से हटाने का आग्रह किया है. पुलिस अधिकारी विवेक शुक्ला ने पुष्टि की है कि यह मामला रायपुर के राखी पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में आता है.
हैरानी की बात यह है कि न तो कॉलेज प्रशासन और न ही किसी पीड़ित ने शुरू में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. हालांकि, स्थिति की जानकारी मिलने के बाद, पुलिस ने कॉलेज में एक टीम भेजी और प्रबंधन से बात की. पता चला कि संस्थान एक महिला प्रोफेसर के नेतृत्व में एक आंतरिक जांच कर रहा है. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे जांच के परिणामों के आधार पर सख्त कार्रवाई करेंगे, और अब तक छेड़छाड़ की गई तस्वीरें वायरल नहीं हुई हैं.
IIIT रायपुर के निदेशक डॉ. ओम प्रकाश व्यास ने छात्र के निलंबन और आंतरिक जांच की पुष्टि की. उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच पूरी होने के बाद पुलिस को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी जाएगी. इस बीच, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मामले का संज्ञान लिया है और इस शर्मनाक कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया है. इस घटना ने एआई-आधारित साइबर शोषण और इसके संभावित जोखिमों को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं.