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SIR बना साइबर ठगों का नया हथियार! क्या BLO मांगते हैं OTP और पर्सनल डिटेल्स? जानें

छत्तीसगढ़ में SIR प्रक्रिया के नाम पर साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं. राज्य निर्वाचन आयोग ने लेटर जारी कर साफ किया है कि BLO किसी भी तरह का OTP, पासवर्ड या निजी जानकारी नहीं मांगते हैं.

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Edited By: Km Jaya
Election Commission India daily
Courtesy: Pinterest

छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ में साइबर ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अब ठगों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR प्रक्रिया को भी धोखाधड़ी का नया माध्यम बना लिया है. लोगों को फोन कर OTP और पर्सनल डिटेल्स मांगी जा रही हैं. इस बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने एक महत्वपूर्ण लेटर जारी कर स्थिति की पूरी सच्चाई लोगों तक पहुंचाई है. 

आयोग ने स्पष्ट किया है कि BLO किसी भी प्रकार का OTP, पासवर्ड या निजी जानकारी नहीं मांगते हैं. BLO केवल मतदान से जुड़ी आवश्यक जानकारियां ही लेते हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि SIR फॉर्म भरते समय BLO द्वारा मतदाता से केवल वोटर लिस्ट से संबंधित विवरण पूछे जाते हैं. इसके अलावा किसी भी प्रकार की निजी जानकारी, बैंक संबंधी विवरण या मोबाइल पर भेजा गया OTP बिल्कुल नहीं मांगा जाता है. 

अधिकारियों ने क्या दी है चेतावनी?

यदि किसी अनजान नंबर से कॉल कर OTP या निजी डिटेल्स मांगी जाएं तो यह निश्चित रूप से साइबर ठगी का प्रयास है. अधिकारियों ने लोगों को चेतावनी दी है कि ऐसी किसी भी कॉल की तुरंत शिकायत नजदीकी थाने में दर्ज कराएं. निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आधिकारिक लेटर में लिखा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग और छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा SIR प्रक्रिया से जुड़े किसी भी काम के लिए कभी भी मोबाइल OTP नहीं मांगा जाता है. 

आयोग ने क्या बताया?

आयोग ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अंजान व्यक्ति के साथ अपना OTP या अन्य निजी जानकारी साझा न करें. SIR से संबंधित सभी सेवाएं केवल मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के आधिकारिक पोर्टल और अधिकृत माध्यमों से ही उपलब्ध कराई जाती हैं. इस बीच, ठगों की एक और कोशिश सामने आई है. 19 नवंबर को रायपुर दक्षिण के विधायक सुनील सोनी को भी धोखेबाजों ने शिकार बनाने का प्रयास किया.

कैसे की जा रही ठगी?

ठगों ने खुद को इंटेलिजेंस ब्यूरो का अधिकारी बताकर फोन किया और कहा कि उनका मोबाइल पहलगाम आतंकी हमले में इस्तेमाल हुआ है और उन्हें तुरंत दिल्ली बुलाया जा रहा है. इस संदिग्ध कॉल के बाद विधायक ने फोन काट दिया और थाने में शिकायत दर्ज कराई. साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि SIR प्रक्रिया के नाम पर फर्जीवाड़ा इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि इस समय बड़ी संख्या में लोग वोटर लिस्ट अपडेट कर रहे हैं.