Chhattisgarh Wife Murder: सोनम रघुवंशी मामले के बाद सोशल मीडिया पर पत्नियों को लेकर मजाक और मीम्स अब गंभीर बहस और सवालों में बदल रहे हैं. लोग अब इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा कर रहे हैं. 'सच्चाई यह है कि अकेले छत्तीसगढ़ में बीते 115 दिनों में 30 पत्नियों की हत्या उनके ही पतियों द्वारा कर दी गई.' यह औसतन हर चौथे दिन एक महिला की हत्या है.
इंदौर के चर्चित राजा रघुवंशी मर्डर केस में पत्नी सोनम रघुवंशी की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर महिलाएं टारगेट हो रही हैं. उन्हें अपराधी, धोखेबाज और खतरनाक बताकर ट्रोल किया जा रहा है. लेकिन इन ट्रोल्स की हकीकत तब सामने आती है जब छत्तीसगढ़ पुलिस के रिकॉर्ड सामने आते हैं – जहां पत्नियां ही घरेलू हिंसा का सबसे बड़ा शिकार बन रही हैं.
धमतरी में हाल ही में शादी हुए एक दंपत्ति की कहानी दिल दहला देने वाली है. पति ने 7 जून को पत्नी के साथ फोटो पोस्ट की, प्यार जताया और तीन दिन बाद दरांती से उसकी गला रेत कर हत्या कर दी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी को पत्नी के चरित्र पर शक था.
बालोद में एक स्कूल टीचर की सड़क दुर्घटना में मौत का मामला सामने आया था. लेकिन जांच में पता चला कि पति शीशपाल और उसके दोस्त ने साजिश रचकर हत्या की और उसे एक्सीडेंट बताया. पुलिस जांच में सामने आया कि यह हत्या पहले से प्लान की गई थी.
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, इन 30 हत्याओं में से 10 से अधिक मामलों में वजह थी शक या जलन. 6 केस नशे की हालत में हुए, 2 सेक्स से इनकार करने पर और शेष घरेलू हिंसा या दहेज विवाद से जुड़े थे. एक प्रोफेसर का कहना है, 'अगर कोई महिला हत्या करती है तो पूरा जेंडर कटघरे में खड़ा कर दिया जाता है, लेकिन पुरुषों द्वारा की गई हजारों हत्याएं कभी बहस का मुद्दा नहीं बनतीं. यह पितृसत्तात्मक सोच का प्रमाण है.' एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिश्तों में बढ़ता अविश्वास, गुस्सा और सामाजिक दबाव इस हिंसा की जड़ है. जरूरत है कि हम मजाक उड़ाने के बजाय संवाद करें, समझें और पीड़ितों को सुरक्षा दें.