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समस्तीपुर में सड़क पर बिखरी मिलीं VVPAT पर्चियां, RJD ने उठाए सवाल, EC ने ARO को किया निलंबित

समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के KSR कॉलेज के पास सड़क पर VVPAT पर्चियां बिखरीं मिली है, जिसको लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है. राजद ने इसको लेकर सवाल उठाए हैं, जबकि चुनाव आयोग ने इस मामले में ARO को निलंबित कर दिया है.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
VVPAT slips on the road in Samastipur India Daily
Courtesy: X

समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर जिले में सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के KSR कॉलेज के पास शनिवार को सड़क किनारे बड़ी संख्या में वीवीपैट (VVPAT) पर्चियां बिखरी मिलीं. इन पर्चियों को देखकर इलाके में हड़कंप मच गया और राजनीतिक हलचल तेज हो गई. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस घटना पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर संदेह जताया. 

आरजेडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि इतनी सारी वीवीपैट पर्चियां सड़क पर कैसे मिलीं, किसने और क्यों फेंकीं? क्या चुनाव आयोग इस पर जवाब देगा? पार्टी ने आरोप लगाया कि यह सब किसी के इशारे पर किया गया है. 

मुख्य चुनाव आयुक्त ने ARO को किया निलंबित

मामला सामने आते ही मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने त्वरित कार्रवाई की. उन्होंने संबंधित सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (ARO) को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए. इसके साथ ही समस्तीपुर के जिलाधिकारी (DM) को मौके पर जाकर जांच करने और रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया. 

निर्वाचन आयोग ने कहा- मॉक पोल के दौरान निकली थीं ये पर्चियां

निर्वाचन आयोग ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया कि ये पर्चियां वास्तविक मतदान की नहीं, बल्कि मॉक पोल के दौरान निकली थीं. मॉक पोल वह प्रक्रिया होती है जो वोटिंग शुरू होने से पहले हर बूथ पर की जाती है, ताकि ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की जांच की जा सके. आयोग ने बताया कि इन पर्चियों का गलत तरीके से निस्तारण किया गया, जो कि सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की लापरवाही थी. हालांकि, इस घटना से वास्तविक मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता या अखंडता पर कोई असर नहीं पड़ा है. सभी उम्मीदवारों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है. 

जिलाधिकारी और एसपी ने शुरू की जांच

समस्तीपुर के जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा और पुलिस अधीक्षक अरविंद प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की. डीएम ने बताया कि मॉक पोल के बाद कुछ अतिरिक्त पर्चियां काटी गई थीं, लेकिन कुछ पर्चियां बिना सही तरीके से नष्ट किए फेंकी गई थीं. ईवीएम नंबर के आधार पर जिम्मेदार मतदान कर्मी की पहचान की जा रही है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 

सरायरंजन में पहले चरण के तहत हुआ था मतदान

गौरतलब है कि सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में 6 नवंबर को पहले चरण में मतदान हुआ था. अब यह मामला चुनावी पारदर्शिता को लेकर नए विवाद का कारण बन गया है, हालांकि आयोग ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी पारदर्शिता से की जाएगी.