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तेजस्वी यादव ने दो वोटर आईडी मामले में EC को सौंपा जवाब, पूछा- कैसे बने 2 EPIC नंबर

तेजस्वी यादव द्वारा 2 अगस्त को प्रेसवार्ता में दिखाए गए मतदाता पहचान पत्र के ईपिक संख्या को भारत निर्वाचन आयोग ने फर्जी करार दिया. आयोग ने तेजस्वी को 16 अगस्त की शाम 5 बजे तक उक्त मतदाता पहचान पत्र को आयोग के कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
tejashwi yadav
Courtesy: Social Media

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दो वोटर आईटी के मामले में अपना जवाब चुनाव आयोग को सौंप दिया है. इसकी जानकारी राज्यसभा सांसद मनोज झा ने दी है. मनोज झा ने बताया कि तेजस्वी यादव ने अपना जवाब लिखित रूप में दे दिया है. फैसला चुनाव आयोग को लेना है. 

उन्होंने कहा कि दो वोटर आईडी के कई मामले आ रहे हैं. इसे आयोग को देखना है. समस्या ये है कि चुनाव आयोग काफी अहंकार में है और अब अज्ञानता इसकी पहचान बन गई है. जो सुझाव और कंप्लेन आ रहे हैं उसे चुनाव आयोग को देखना चाहिए. 

तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लगाया था आरोप

तेजस्वी यादव द्वारा 2 अगस्त को प्रेसवार्ता में दिखाए गए मतदाता पहचान पत्र के ईपिक संख्या को भारत निर्वाचन आयोग ने फर्जी करार दिया. आयोग ने तेजस्वी को 16 अगस्त की शाम 5 बजे तक उक्त मतदाता पहचान पत्र को आयोग के कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया है. इस मामले में दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी सह सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने एक पत्र जारी कर स्थिति को स्पष्ट किया है.

निर्वाचन आयोग ने क्या कहा? 

निर्वाचन आयोग के अनुसार, तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिस मतदाता पहचान पत्र (ईपिक संख्या RAB-2916120) को प्रदर्शित किया था, उसकी गहन जांच की गई. जांच में पाया गया कि इस ईपिक संख्या से कोई भी मतदाता पहचान पत्र जारी नहीं किया गया है. आयोग ने इसे पूरी तरह फर्जी बताया है. इसके विपरीत, तेजस्वी का असली मतदाता पहचान पत्र RAB-0456228 है, जो उनके मतदान केंद्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन में क्रमांक 416 पर दर्ज है. 

आयोग ने यह भी बताया कि तेजस्वी ने वर्ष 2015 और 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान अपने नामांकन पत्र में दाखिल शपथ पत्र में भी यही ईपिक संख्या (RAB-0456228) अंकित की थी. इसके अलावा, विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 के दौरान उनके द्वारा बीएलओ के माध्यम से जमा किए गए गणना प्रपत्र में भी यही ईपिक संख्या दर्ज है. आयोग ने विगत कई वर्षों की मतदाता सूचियों के डेटाबेस से मिलान के बाद पुष्टि की कि RAB-2916120 फर्जी है.

तेजस्वी के उस दावे को भी आयोग ने खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर सर्च करने पर विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 के बाद प्रकाशित प्रारूप निर्वाचक सूची में उनका नाम दर्ज नहीं है. आयोग ने इस मामले में तेजस्वी को अब तक तीन नोटिस जारी किए हैं.