पटना: बिहार की राजनीति में एक बार फिर लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) के अध्यक्ष तेज प्रताप यादव विवादों में घिर गए हैं. उनके सबसे करीबी ने ही यादव पर आरोप लगाए हैं.
उनके सबसे करीबी सहयोगी, जिन्हें लोग तेज प्रताप का हनुमान कहकर बुलाते थे सौरभ उर्फ अविनाश ने एक वीडियो जारी करके उन पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. इस वीडियो के वायरल होते ही पूरे राज्य की सियासत में हड़कंप मच गया है.
सौरभ ने अपने वीडियो में रोते-बिलखते बताया कि उन्होंने तेज प्रताप यादव के लिए दिन-रात एक कर दिया. चुनाव प्रचार से लेकर हर छोटे-बड़े काम में साथ निभाया लेकिन बदले में उन्हें सिर्फ अपमान और मारपीट मिली. उनका दावा है कि तेज प्रताप ने उन्हें अपने सरकारी बंगले (26 नंबर आवास) में बुलवाया और वहाँ 20-30 गुंडों से पिटवाया.
सौरभ ने कहा, "मेरे कपड़े उतरवाए गए आपत्तिजनक वीडियो बनाया गया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया. बंगले पर मौजूद सभी लोग चुपचाप तमाशा देखते रहे. मेरा फोन रात 9 बजे से ढाई बजे तक छीनकर रखा गया."
सौरभ ने बताया कि रविवार को वे पटना में मशहूर शिक्षक खान सर के रिसेप्शन में गए थे. वहां तेज प्रताप यादव ने उनसे नाराजगी जाहिर की और उनका मोबाइल छीन लिया. इसके बाद उन्हें 26 नंबर बंगले पर बुलाया गया. सौरभ का आरोप है कि वहां पहले उन्हें अलग कमरे में ले जाया गया, फिर सहयोगियों ने मिलकर मारपीट शुरू कर दी.
उन्होंने कहा कि उनसे जबरन दो लोगों सुबोध राय और सत्येंद्र राय को गाली देने के लिए कहा गया. जब उन्होंने इनकार किया तो मारपीट और बढ़ा दी गई. इतना ही नहीं बाहर खड़ी उनकी गाड़ी के सभी टायर भी पंक्चर कर दिए गए.
भावुक होते हुए सौरभ ने कहा, "मैंने तेज प्रताप जी के लिए जान लगा दी लेकिन बदले में फटी बंडी और अपमान मिला. आज पता चला कि उनकी मानसिकता कितनी नीची है. अपने ही कार्यकर्ताओं को इस तरह बर्बाद करना कोई इनसानियत नहीं है."
वीडियो वायरल होने के कई घंटे बीत जाने के बाद भी तेज प्रताप यादव या उनके किसी करीबी की ओर से कोई सफाई या बयान सामने नहीं आया है. विपक्षी दल इसे लालू परिवार की गुंडागर्दी बता रहे हैं तो सत्ता पक्ष के कुछ लोग इसे जेजेडी की आंतरिक कलह करार दे रहे हैं.