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मदरसा बोर्ड कार्यक्रम में CM नीतीश कुमार का टोपी पहनने से इनकार! वीडियो सामने आने पर मचा सियासी बवाल

आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "नीतीश कुमार पूरी तरह से अचेत हैं. वो पहले कहते थे टोपी भी पहनना है और टीका भी लगाना है. जब वो सीतामढ़ी गए तो उन्होंने एक मंदिर में टीका लगाने से भी इनकार कर दिया. अब उन्होंने टोपी पहनने से मना कर दिया है. वो किसी भी धर्म का सम्मान नहीं कर रहे हैं."

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Political uproar in Bihar over Nitish Kumars refusal to wear cap at Madrasa Board event

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तूफान की तरह वायरल हो रहा है. इस वीडियो में नीतीश अपने मंत्री जमां खान को टोपी पहनाते नजर आ रहे हैं, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने स्वयं टोपी पहनने से इनकार कर दिया. हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि नीतीश ने टोपी पहनने से मना नहीं किया, बल्कि उन्होंने टोपी उठाकर अपने मंत्री को सम्मानपूर्वक पहनाई. बता दें कि नीतीश का यह व्यवहार नया नहीं है, वह पहले भी सार्वजनिक मंचों पर माला या टोपी दूसरों को पहनाते रहे हैं.

 वीडियो से शुरू हुआ सियासी बवाल

इस वीडियो ने बिहार की सियासत में नया विवाद खड़ा कर दिया है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "नीतीश कुमार पूरी तरह से अचेत हैं. वो पहले कहते थे टोपी भी पहनना है और टीका भी लगाना है. जब वो सीतामढ़ी गए तो उन्होंने एक मंदिर में टीका लगाने से भी इनकार कर दिया. अब उन्होंने टोपी पहनने से मना कर दिया है. वो किसी भी धर्म का सम्मान नहीं कर रहे हैं." तिवारी ने नीतीश के व्यवहार को असहज करने वाला बताया और उनकी निर्णय लेने की क्षमता पर सवाल उठाए.

मदरसा बोर्ड के कार्यक्रम में हुई घटना

यह घटना बिहार मदरसा बोर्ड की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई, जहां मुस्लिम समुदाय की बड़ी संख्या मौजूद थी. नीतीश ने अपने संबोधन में कहा, "2005 से पहले की सरकार में कोई काम नहीं होता था. मुस्लिमों का हाल तो और बुरा था. हमारी सरकार ने कब्रिस्तान की घेराबंदी करवाई और मदरसा शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों जितना वेतन दिया." उन्होंने 1989 के भागलपुर दंगे का जिक्र करते हुए कहा, "हमने जांच कर दोषियों को सजा दिलाई और पीड़ितों को मुआवजा दिया." नीतीश कुमार ने अपनी सरकार के मुस्लिम समुदाय के लिए किए कार्यों का उल्लेख किया, जिसमें मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए कदम शामिल हैं. हालांकि, टोपी विवाद ने उनके प्रयासों पर सवाल उठाए हैं.