Kanhaiya Kumar News : कांग्रेस में युवा नेता कन्हैया कुमार का राजनीतिक भविष्य क्या होगा? क्या कन्हैया कुमार बिहार की राजनीति में हाशिय में चले गए हैं या फिर उनके साथ पार्टी ने कोई बड़ा खेल कर दिया है. कांग्रेस के युवा और तेजतरार नेता कन्हैया कुमार को लेकर इस तरह के कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इसके पीछे की वजह है. बिहार में INDIA ब्लॉक के दलों के बीच सीट बंटवारे का आधिकारिक ऐलान और बेगूसराय सीट का लेफ्ट के पास जाना.
शुक्रवार को बिहार के लिए महागठबंधन के दलों में सीट बंटवारे का आधिकारिक ऐलान हो गया. कांग्रेस ने आरजेडी से गठबंधन में 9 लोकसभा सीटें हासिल कर लीं, लेकिन उसके दावे वाली ज्यादातर सीटों को आरजेडी ने या तो अपने पाले में रखा या फिर उसे लेफ्ट के खेमे में दे दिया.
महागठबंधन में सीट बंटवारे के ऐलान के बाद सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार की हो रही है. क्योंकि कन्हैया की गृह नगर बेगुसराय सीट लेफ्ट के पाले में चली गई है. यहां से लेफ्ट अपना उम्मीदवार उतारेगी. ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर कन्हैया का क्या होगा. वो चुनाव नहीं लड़ेंगे या फिर उनको पार्टी किसी और दल से उतार सकती है.
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, कांग्रेस ने सीट बंटवारे में बेगूसराय सीट को कन्हैया कुमार के लिए मांगी थी, वहीं पूर्णिया लोकसभा सीट पर पप्पू यादव अंतिम दौर तक दावा करते रहे. आखिरी में राजद ने इन दोनों सीटों पर कांग्रेस की नहीं चलने दी. बेगूसराय सीट आरजेडी ने सहयोगी लेफ्ट को दी और पूर्णिया सीट अपनी पार्टी की उम्मीदवार बीमा भारती के लिए रख ली. इसके बाद पप्पू यादव ने पूर्णिया से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, लेकिन कन्हैया कुमार का राजनीतिक भविष्य क्या होगा. इसको लेकर संशय बना हुआ है.
कन्हैया 2019 के लोकसभा चुनाव में बेगूसराय सीट से सीपीआई की टिकट पर चुनाव लड़े थे. उनका मुकाबला बीजेपी के दिग्गज नेता गिरिराज सिंह से था. 2019 के चुनाव में बेगुसराय सीट हाई प्रोफाइल सीट थी. हालांकि इस चुनाव में कन्हैया कुमार की हार हुई थी.
जेएनयू से राजनीति में सक्रिय होने वाले कन्हैया की पहचान एक वाकपटु युवा नेता की है. जेएनयू में विवादों में आने के बाद कन्हैया इतने चर्चित हुए कि शुरुआत में उनको टीवी चैनलों में बहस के लिए बुलाया जाने लगा इसके बाद कन्हैया ने सीपीआई ज्वाइन कर ली. 2019 का चुनाव भी इसी पार्टी से लड़े लेकिन बाद में कांग्रेस में चले गए.
2019 के आम चुनाव में मिली हार के बाद कन्हैया ने बेगूसराय और बिहार दोनों से दूरी बना ली. आगे चलकर कन्हैया ने सीपीआई छोड़कर कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया. इसके बाद कन्हैया को लेकर लगातार यह चर्चा होती रही की कांग्रेस नेतृत्व उन्हें राज्यसभा भेज सकता है या फिर कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है. लेकिन अभी तक कन्हैया को कोई बड़ा पद या जिम्मेदारी नहीं मिली.