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बिहार में भारी बारिश का कहर, फल्गु नदी में आई बाढ़ में बहते दिखे कई लोग, वीडियो में देखें कैसे बचाई गई जान

बिहार के गया में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने फल्गु नदी को उफान पर ला दिया है. गुरुवार को नदी का जलस्तर अचानक खतरे के निशान को पार कर गया, जिससे आसपास के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया.

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Edited By: Garima Singh
Heavy Rainfall in Bihar
Courtesy: x

Heavy Rainfall in Bihar: बिहार के गया में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने फल्गु नदी को उफान पर ला दिया है. गुरुवार को नदी का जलस्तर अचानक खतरे के निशान को पार कर गया, जिससे आसपास के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया. स्थानीय प्रशासन और निवासियों की त्वरित कार्रवाई से बड़ी जनहानि तो टल गई, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. 

समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय लोग मिलकर बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने में जुटे दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में दिखाया गया है कि तेज बहाव के बीच रस्सियों के सहारे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. एक बचावकर्मी ने पीटीआई-भाषा को बताया, "कुछ लोगों ने सूचना दी थी कि कुछ लोग नदी में फंस गए हैं. हममें से चार-पांच लोग यहां पहुंचे और उन्हें बचाया। करीब 12-13 लोगों को बचा लिया गया है.''

उत्तर प्रदेश में नारायणी नदी का प्रकोप

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर और महाराजगंज जिलों में भी भारी बारिश ने कहर बरपाया है. नारायणी नदी पर बना एक महत्वपूर्ण पंटून पुल बुधवार को तेज बहाव में बह गया, जिससे कई गांव तहसील मुख्यालयों से कट गए. नेपाल से छोड़े गए पानी और लगातार बारिश के कारण नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जिसने ग्रामीणों के लिए आवागमन को बेहद मुश्किल कर दिया.

अयोध्या में रिकॉर्ड बारिश

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सबसे अधिक 25.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि चुर्क में 5.6 मिमी और सुल्तानपुर में 5.2 मिमी बारिश हुई. मौसम विभाग ने 19 से 22 जून के बीच भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. इसके साथ ही गरज और बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है, जिससे प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.

प्रशासन और स्थानीय लोगों की सतर्कता

बिहार और उत्तर प्रदेश में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं. एनडीआरएफ और स्थानीय स्वयंसेवकों की टीमें दिन-रात लोगों की मदद में जुटी हैं. प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री वितरण और अस्थायी आश्रय स्थलों की व्यवस्था की जा रही है.