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India Daily

NDA में सीटों के बंटवारे से खुश नहीं मांझी, बोले- भुगतना पड़ सकता है खामियाजा

बिहार चुनाव से पहले एनडीए ने सीट बंटवारे का ऐलान कर दिया है. बीजेपी और जेडीयू 101-101 सीटों पर, जबकि चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) 29 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Jitan Ram Manjhi
Courtesy: social media

Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनावों से पहले एनडीए में सीट बंटवारे पर सस्पेंस खत्म हो गया है, लेकिन सहयोगी दलों के भीतर असंतोष की चिंगारी बाकी है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भले ही सार्वजनिक तौर पर छह सीटें मिलने पर ‘संतोष’ जताया हो, पर उनके शब्दों के बीच गहरी नाराजगी साफ झलक रही थी.

मांझी ने कहा कि उन्हें और उनकी पार्टी को कम आंका गया है, और इसका असर भविष्य में एनडीए पर पड़ सकता है.

101 सीटों पर लड़ेगी बीजेपी

बीजेपी और जेडीयू ने 101-101 सीटों पर तालमेल किया है, जबकि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें मिली हैं. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (से.) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को छह-छह सीटें दी गई हैं. हालांकि, इससे पहले मांझी 15 सीटों की मांग कर चुके थे ताकि वे 2020 की विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के स्ट्राइक रेट को बरकरार रख सकें. मांझी ने बयान दिया – 'जो हाईकमान ने तय किया, हमने स्वीकार किया, लेकिन छह सीटें देकर हमें कम आंका गया है. इसका असर एनडीए पर पड़ सकता है.'

‘साथियों के सम्मान का क्या हुआ?’

एनडीए के सीट बंटवारे पर विपक्ष ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा अपने सहयोगियों का सम्मान करना भूल गई है. कांग्रेस नेता मनोज कुमार ने पूछा, 'मांझी जी को छह सीटें, कुशवाहा जी को छह सीटें दी गईं, क्या यही है एनडीए में समुदायों की कीमत?'
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने साथियों को ‘सम्मान देने’ के बजाय ‘नियंत्रण में रखने’ की रणनीति अपनाई है. पार्टी नेताओं का कहना है कि दलित और पिछड़ा वर्ग के नेताओं को सीमित सीटें देकर एनडीए ने एक गलत संदेश भेजा है.

दिल्ली में चला मंथन, आखिर बनी सहमति

सीट बंटवारे की घोषणा से पहले दिल्ली में कई दौर की मीटिंग्स हुईं. इन बैठकों में भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह, साथ ही बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मौजूद थे. भाजपा ने इस बार अपने हिस्से से कुछ सीटें छोड़ी हैं (2020 में 110 सीटें मिली थीं), लेकिन वह गठबंधन की ‘मुख्य नियंत्रक ताकत’ बनी रही. सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने अंतिम समय में कई असंतुष्ट नेताओं को मनाने में अहम भूमिका निभाई.

इंडिया गठबंधन में भी फंसा पेच

विपक्षी इंडिया गठबंधन अभी सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बना पाया है. आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के बीच बातचीत जारी है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस करीब 70 सीटों की मांग कर रही है, जबकि आरजेडी इसे घटाकर 50 के करीब रखना चाहती है। तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी इस मुद्दे पर बातचीत के लिए दिल्ली पहुंचे हैं.