Rajya Sabha Election 2024: बिहार में पिछले कई दिनों से सियासी घमासान जोरों पर है. पहले नीतीश कुमार को महागठबंधन में छोड़ एनडीए में जाना, फिर फ्लोर टेस्ट और अब राज्यसभा चुनाव का गणित. दरअसल बिहार से राज्यसभा की 6 सीटें खाली होने जा रही है. बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी, आरजेडी नेता मनोज कुमार झा, अहमद अशफाक करीम, जेडीयू नेता अनिल प्रसाद हेगड़े, वशिष्ठ नारायण सिंह और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह का कार्यकाल पूरा होने वाला है.
इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यादव ने जेडीयू के कोटे से संजय कुमार झा को राज्यसभा की तैयारी में हैं. संख्या बल के आधार पर संजय झा का राज्यसभा जाना तय माना जा रहा है.संजय कुमार झा नीतीश कुमार के बेहद करीब माने जाता हैं. अक्सर बड़े मौके पर संजय कुमार झा नीतीश के साथ होते हैं. यहां तक की नीतीश कुमार इनके साथ ही INDIA गठबंधन की बैठक में शामिल होने जाते थे.
नीतीश कुमार के 'संजय'
राजनीतिक समझ और जोड़ तोड़ में माहिर संजय कुमार झा को नीतीश कुमार का 'संजय' भी कहा जाता है. संजय कुमार वही शख्स हैं, जिन्होंने नीतीश कुमार की एनडीए में फिर से वापसी का रास्ता बनाया. बताया जाता है नीतीश कुमार साल 2017 जब NDA में दोबारा शामिल हुए थे उस समय भी इन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी. नीतीश कुमार के साथ ना सिर्फ मजबूती से खड़े रहने वाले संजय हमेशा उनके लिए संकटमोचक का काम करते आ रहे हैं.
नीतीश और बीजेपी के बीच सेतु
एक तरह से संजय झा नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच सेतु का काम करते आ रहे है. कहा जाता है कि नीतीश कुमार ने INDIA गठबंधन से नाता तोड़ NDA गठबंधन में शामिल होने की पटकथा भी संजय झा ने ही तैयार की.
BJP से JDU में हुए थे शामिल
संजय कुमार झा ने राजनीति की शुरुआत JNU से की. लेकिन उनकी पॉलिटिकल ट्रेनिंग बीजेपी में हुई. संजय झा अरुण जेटली के करीबी युवा नेताओं में से एक थे. ऐसे में बीजेपी धीरे-धीरे उनका कद बढ़ता गया. इसी दौरान संजय झा नीतीश कुमार के संपर्क में आए और 2012 में जेडीयू में शामिल हो गए.
दरभंगा लोकसभा से लड़ चुके हैं चुनाव
बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर के गांव अररिया के रहने वाले संजय कुमार को जेडीयू ने साल 2014 में संजय कुमार झा को दरभंगा लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार भी बनाया था, लेकिन वो चुनाव हार गए. इसके बाद नीतीश कुमार ने उन्हें राज्यपाल कोटा से विधान परिषद भेज दिया और अपनी कैबिनेट में मंत्री का पद भी दिया.
मिथिलांचल में अच्छी पकड़
मौजूदा समय में संजय झा जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं. ब्राह्मण समाज खासकर मिथिलांचल में इनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. संजय झा को राज्यसभा भेजकर नीतीश कुमार ब्राह्मण में अपनी पकड़ को और मजबूत करना चाहते हैं.
संख्या बल के आधार पर राज्यसभा जाना तय
बिहार में खाली हो रही 6 सीटों में से तीन सीटों पर एनडीए उम्मीदवारों की जीत तय मानी जा रही है. जदयू की ओर से पूर्व मंत्री संजय कुमार झा तो बीजेपी की तरह से पूर्व मंत्री भीम सिंह और धर्मशीला गुप्ता राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवार होंगे. एनडीए की सभी उम्मीदवार आज अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे.
27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव
आपको बता दें 15 राज्यों में राज्यसभा की कुल 56 सीटों के लिए चुनाव 27 फरवरी को होने वाले हैं. इसके लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 फरवरी या गुरुवार को है. नामांकन-पत्रों की जांच 16 फरवरी तक होगी. जबकि 20 फरवरी तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकेंगे.