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Bihar Assembly Election: बिहार चुनाव को लेकर मायावती ने बीजेपी-कांग्रेस को दिया तगड़ा झटका, भतीजे आकाश आनंद को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

बिहार चुनाव से पहले BSP सुप्रीमो मायावती ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने रविवार को ऐलान किया की आगामी बिहार विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी अकेले लड़ेगी.

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Edited By: Garima Singh
Mayawati on Bihar assembly Election
Courtesy: x

Mayawati on Bihar assembly Election: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रविवार को साफ किया कि उनकी पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले दम पर मैदान में उतरेगी. पार्टी ने बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों को तीन हिस्सों में बांटकर रणनीतिक तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है. प्रत्येक क्षेत्र के लिए वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, ताकि संगठनात्मक ढांचा मजबूत हो और चुनावी अभियान प्रभावी ढंग से संचालित हो.

मायावती ने रविवार को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कहा, "बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, पिछले दो दिनों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों के साथ बसपा उम्मीदवारों के चयन और हर स्तर पर पार्टी की तैयारियों को लेकर गहन चर्चा और समीक्षा की गई. पार्टी द्वारा स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के निर्णय के आलोक में, आगामी पार्टी कार्यक्रमों की रूपरेखा को भी अंतिम रूप दिया गया." इस दौरान उन्होंने संगठन की कमियों को दूर करने और सितंबर से शुरू होने वाले जनसभाओं, आंदोलनों और अन्य कार्यक्रमों के लिए पूरी ताकत झोंकने के निर्देश दिए.

आकाश आनंद को मिली बड़ी जिम्मेदारी

गुरुवार को मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय संयोजक के पद पर पदोन्नत करते हुए उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया. इस कदम से पार्टी में युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने की उनकी मंशा स्पष्ट होती है. मायावती ने कहा, "सभी कार्यक्रम बसपा प्रमुख के मार्गदर्शन में संचालित किए जाएंगे. अभियान की तैयारी और उम्मीदवारों के चयन की विशेष जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद, केंद्रीय समन्वयक एवं राज्यसभा सांसद रामजी गौतम और बसपा बिहार राज्य इकाई को सौंपी गई है."

क्षेत्रीय विभाजन और रणनीति

बिहार की विशाल भौगोलिक और राजनीतिक विविधता को ध्यान में रखते हुए, बसपा ने राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया है. मायावती ने बताया, "बिहार एक बड़ा राज्य है और इसलिए इसकी वर्तमान जरूरतों को देखते हुए बैठक में राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों को तीन क्षेत्रों में विभाजित करने और प्रत्येक के लिए अलग-अलग पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों को जिम्मेदारियां सौंपने का निर्णय लिया गया." इस रणनीति का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर संगठन को मजबूत करना और मतदाताओं तक प्रभावी पहुंच सुनिश्चित करना है.

बदलते समीकरणों पर नजर

मायावती ने कहा, "बिहार में पार्टी की तैयारियों के साथ-साथ राज्य में तेजी से बदलते राजनीतिक हालात और चुनावी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए बैठक के दौरान बसपा सदस्यों ने पार्टी प्रमुख को चुनाव में बेहतर परिणाम हासिल करने का आश्वासन दिया." उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे बिहार की जनता के बीच बसपा के सामाजिक न्याय के एजेंडे को और मजबूती से ले जाएं.