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WC 2023: क्या भारतीय टीम के कबीर खान बन पाएंगे राहुल द्रविड़, 20 सालों से ढो रहे हैं उस जख्म का बोझ

WC 2023: अगर टीम इंडिया विश्व कप 2023 का फाइनल जीत लेती है तो वह इतिहास रच देगी. इस जीत के अहम किरदारों में से एक राहुल द्रविड़ भी होंगे. जानिए कैसे...

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Bhoopendra Rai
WC 2023: क्या भारतीय टीम के कबीर खान बन पाएंगे राहुल द्रविड़, 20 सालों से ढो रहे हैं उस जख्म का बोझ

WC 2023: खेल का कोई भी प्रारूप हो अगर भारतीय टीम उसमें जीत हासिल करे तो एक चीज जो जरूर देखने को मिलती है वो है स्टेडियम में चक दे इंडिया का टाइटल ट्रैक बजना और उस टाइटल ट्रैक पर फैन्स का झूमना. अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले जाने वाले आईसीसी विश्वकप 2023 के फाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया की भिड़ंत होनी है जिसे देखने खुद पीएम मोदी और ऑस्ट्रेलिया के डिप्टी पीएम रिचर्ड मार्ल्स आने वाले हैं.

इसको लेकर कुछ बड़़ी पर्फॉन्मेंस भी की जानी है जिसको लेकर मैच से पहले रिहर्सल की गई और इस दौरान भी स्टेडियम में चक दे इंडिया का गाना बजता हुआ सुना गया. अगर भारतीय टीम अहमदाबाद में जीत हासिल कर लेती है तो न सिर्फ देश भर में जश्न मनेगा बल्कि बॉलीवुड के पर्दे पर साल 2007 में आई फिल्म चक दे इंडिया असल मायनों में एक बार फिर से खुद को लिखेगी और इस बार देश को क्रिकेट का कबीर खान मिलेगा.

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ये फिल्मी नहीं हकीकत की कहानी

आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये किस चीज की बात हो रही है और कौन बनने वाला है क्रिकेट का कबीर खान तो चलिए आपको बताते हैं. साल 2007 में आई इस फिल्म की शुरुआत कोच कबीर खान का रोल कर रहे शाहरुख खान मैदान पर हॉकी खेलते हुए नजर आते हैं जिनसे पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मैच में पेनाल्टी शूट आउट पर चूक हो जाती है और गोल न हो पाने की वजह से टीम हार जाती है. इसकी वजह से जब टूर्नामेंट खत्म होने के बाद वो वापस घर आते हैं तो फैन्स गुस्से में उनके पुतले जलाते हैं और उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हैं. इसके चलते उन्हें अपना घर तक छोड़ना पड़ा.

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साल 2003 में क्या हुआ था

खैर ये तो थी फिल्म की कहानी लेकिन अब बात करते हैं भारतीय क्रिकेट टीम के कबीर खान यानि की राहुल द्रविड़ की, जो साल 2003 के विश्वकप फाइनल में वीरेंदर सहवाग के साथ खेलते हुए आखिरी उम्मीद की तरह टिके हुए थे. भारतीय टीम ने इस मैच में टॉस जरूर जीता लेकिन उसके बाद कुछ भी उसके पक्ष में नहीं गया, पहले जहीर खान, जवागल श्रीनाथ और आशीष नेहरा की तिकड़ी गिलक्रिस्ट, हेडन, पोंटिंग और मार्टिन के सामने फ्लॉप साबित हुई और कंगारुओं ने 359 रन का स्कोर खड़ा कर दिया.

जब राहुल द्रविड़ ने संभाला था मोर्चा

विश्वकप फाइनल में अगर भारत को अपना दूसरा खिताब हासिल करना था तो उसके लिए उसे ये जीत हासिल करना बेहद जरूरी था लेकिन सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और मोहम्मद कैफ के जल्द विकेटों के चलते भारतीय टीम दबाव में आ गई. क्रीज पर भारत के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग अपने तूफानी अंदाज में खेले जा रहे थे तो वहीं पर भारत की दीवार माने जाने वाले राहुल द्रविड़ उनका भरपूर साथ दे रहे थे.

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सहवाग के रन आउट के साथ टूट गई थई उम्मीद

महज 59 रन पर 3 विकेट खोने के बाद भारतीय टीम इन दोनों के दम पर वापसी करती नजर आ रही थी और जैसे-जैसे 50 रन से ज्यादा की साझेदारी पूरी हुई तो लगा कि अभी भी उम्मीद है. वीरेंदर सहवाग 82 रन के स्कोर पर खेल रहे थे और एक बड़ी पारी की ओर बढ़ रहे थे तभी डैरेन लेहमन के एक थ्रो ने उन्हें रन आउट कर वापस पवेलियन भेज दिया और भारतीय टीम की उम्मीद यहीं पर टूट गई.

खिलाड़ियों के खिलाफ लगे थे नारे

राहुल द्रविड़ भी 47 रन बनाकर आउट हो गए और भारतीय टीम को इस मैच में 125 रन की विशाल हार का सामना करना पड़ा. मैच के बाद जब भारतीय टीम वापस लौटी तो गुस्साए फैन्स ने अपने पसंदीदा खिलाड़ियों के खिलाफ नारे लगाए और कई खिलाड़ियों के पुतले जलाए. खासतौर से राहुल द्रविड़ के प्रति काफी गुस्सा नजर आया क्योंकि उन्हीं को सहवाग के रन आउट होने की वजह माना जा रहा था. इतना ही राहुल द्रविड़ समेत कुछ खिलाड़ियों के घर पर फैन्स ने पत्थर भी फेंकने की कोशिश की.

चीचें नार्मल हुईं, लेकिन दर्द नहीं

धीरे-धीरे फिल्मी और क्रिकेट के कबीर खान की जिंदगी में चीजें जरूर नॉर्मल हो गई लेकिन वो एक दर्द जो उनके दिल में समाया हुआ था वो नहीं मिटा. फिल्मी कबीर खान ने इसे मिटाने के लिए महिला हॉकी टीम की कमान संभाली तो वहीं पर राहुल द्रविड़ ने उस भारतीय टीम की कमान संभाली जो नॉकआउट मैचों में हार का सामना कर लगातार कई बड़े खिताब हासिल करने से चूकती रही.

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कबीर खान बनने से एक कदम दूर हैं राहुल द्रविड़

राहुल द्रविड़ के कमान संभालने के बाद बिल्कुल फिल्म के कबीर खान की तरह इस भारतीय टीम ने भी कई बड़े टूर्नामेंट में हारना जारी रखा लेकिन जब विश्वकप 2023 में कदम रखा तो उसने दिखा दिया कि तैयारी पूरी है और ये सफर पूरा फिल्मी है. जहां लीग में कमाल दिखाने के बाद नॉकआउट में कई बार सपना तोड़ने वाली न्यूजीलैंड को हराकर भारतीय टीम ने एक मुश्किल को पार कर लिया है. अब राहुल द्रविड़ को कोच कबीर खान बनने के लिए अपने सबसे बड़े दुश्मन का सामना करना है जिसके चलते उन्हें साल 2003 के वो नासूर भरे दिनों का सामना करना पड़ा था.

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20 साल पुराना बदला होगा पूरा?

टीमें पहले भी भिड़ चुकी हैं और भारतीय टीम ने मुश्किल दौर में फंसने के बाद भी जीत हासिल की. इस बार भारतीय टीम न सिर्फ कंगारुओं से 20 साल पुराना बदला लेने उतरेगी बल्कि अपने कोच राहुल द्रविड़ को वही सम्मान देना चाहेगी जिसके बाद देश का हर व्यक्ति चक दे इंडिया गाए और उन्हें क्रिकेट का कबीर खान.