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India Daily

इतनी खराब किस्मत! मिले कई मौके पर 99 पर ही अटक गए हैरी ब्रूक

हैरी ब्रूक की पारी की शुरुआत में ही भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने उन्हें खाता खोले बिना पवेलियन भेजने का सुनहरा मौका बनाया था. बुमराह की गेंद पर ब्रूक पूरी तरह से चकमा खा गए, लेकिन किस्मत ने उनका साथ दिया जब वह गेंद नो-बॉल निकली.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Harry Brook
Courtesy: Social Media

इंग्लैंड के युवा बल्लेबाज हैरी ब्रूक ने लीड्स टेस्ट के तीसरे दिन भारतीय गेंदबाजों और फील्डरों की गलतियों का भरपूर फायदा उठाते हुए एक शानदार पारी खेली. तीन बार जीवनदान मिलने के बाद ब्रूक ने विस्फोटक अंदाज में बल्लेबाजी की और इंग्लैंड को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया. हालांकि, वह अपने शतक से मात्र एक रन दूर रह गए और 99 रन बनाकर प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद पर आउट हो गए. 

हैरी ब्रूक की पारी की शुरुआत में ही भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने उन्हें खाता खोले बिना पवेलियन भेजने का सुनहरा मौका बनाया था. बुमराह की गेंद पर ब्रूक पूरी तरह से चकमा खा गए, लेकिन किस्मत ने उनका साथ दिया जब वह गेंद नो-बॉल निकली. यह भारत की पहली बड़ी चूक थी, जिसका खामियाजा उन्हें भारी पड़ गया. इस जीवनदान के बाद ब्रूक ने आक्रामक रुख अपनाया और भारतीय गेंदबाजों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया.

ब्रूक की पारी का दूसरा महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब वह 46 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे. रवींद्र जडेजा की गेंद पर ऋषभ पंत ने आसान कैच के रूप में लपकने का मौका गंवा दिया. यह भारत के लिए दूसरा बड़ा झटका था. भारतीय टीम की ओर से एक बार फिर गलती देखने को मिली. जब ब्रूक 82 रन पर थे, बुमराह की एक गेंद पर गली में खड़े यशस्वी जायसवाल ने उनका कैच छोड़ दिया.

ब्रूक का आक्रामक अंदाज

जीवनदानों ने ब्रूक को खुलकर खेलने का आत्मविश्वास दिया. उन्होंने भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाया और तेजी से रन बटोरे. उनकी पारी में शानदार कवर ड्राइव, लॉफ्टेड शॉट्स और तेज दौड़कर लिए गए रन शामिल थे, जिन्होंने भारतीय क्षेत्ररक्षकों को दबाव में ला दिया. ब्रूक ने अपनी पारी में 10 चौके और 3 छक्के लगाए, जिससे यह साफ हो गया कि वह अपनी लय में थे.
 

हालांकि, जब वह 99 रन पर शतक की ओर बढ़ रहे थे, तब तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा ने एक शानदार यॉर्कर डालकर उनकी पारी का अंत कर दिया. ब्रूक का विकेट गिरते ही इंग्लैंड की पारी को एक झटका लगा, लेकिन तब तक वह अपनी टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा चुके थे. उनकी 99 रनों की पारी ने इंग्लैंड को न केवल मनोवैज्ञानिक बढ़त दी बल्कि स्कोरबोर्ड पर भी मजबूती प्रदान की.