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Norway Chess 2024: दुनिया का नंबर 1 खिलाड़ी 'चित', 18 साल के आर प्रज्ञानानंद ने रचा इतिहास

Norway Chess 2024: 18 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंद शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिया है. उन्होंने दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी को पहली बार क्लासिकल गेम में मात दी.

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Edited By: India Daily Live
Norway Chess 2024
Courtesy: Twitter

Norway Chess 2024: भारतीय शतरंज ग्रैंड मास्टर आर प्रज्ञानानंद ने एक और बड़ा कमाल किया है. उन्होंने नॉर्वे शतरंज 2024 में विश्व नंबर 1 खिलाड़ी मॅग्नस कार्लसन को हराकर इतिहास रचा है. 18 साल के आर प्रज्ञानानंद इससे पहले कार्लसन को रैपिड और प्रदर्शनी गेम में कई बार मात दे चुके थे, लेकिन क्लासिकल गेम में उनकी यह पहली जीत है.

क्लासिकल शतरंज...इसे धीमी शतरंज भी कहा जाता है, जिसमें खिलाड़ियों को अपनी चाल के लिए काफी वक्त मिलता है. सब सोच समझकर ही चाल चलते हैं. इसके लिए कम से कम 1 घंटे तक का समय मिलता है. इस गेम को जीतने के लिए सब्र और प्लानिंग दोनों जरूरी होती हैं. इसलिए आर प्रज्ञानानंद की यह जीत ऐतिहासिक है.



नंबर 1 पर कब्जा जमाया

भारत के रमेश बाबू प्रज्ञानानंद ने नॉर्वे चेस 2024 (Norway Chess 2024) के तीसरे दौर में सफेद मोहरों से यह जीत हासिल की है. इस जीत के साथ ही उन्होंने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में लीडर्स पोजीशन हास‍िल कर ली है. इस टूर्नामेंट के तीसरे राउंड  के आखिर में आर प्रज्ञानानंद ने 9 में से 5.5 अंक हासिल किए और नंबर 1 पर कब्जा जमाया.

वर्ल्ड कप में मिली थी हार

यह प्रज्ञानानंद पिछले साल हुए वर्ल्ड कप में मैग्नस कार्लसन से हार गए थे. अब वो कार्लसन को क्लासिकल चेस में हराने वाले केवल चौथे भारतीय बन गए हैं. उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है.

कौन हैं आर प्रज्ञानानंद?

18 साल के आर प्रज्ञानंद शतरंज की दुनिया में बड़ा नाम बन चुके हैं. उनका जन्म 10 अगस्त 2005 को चेन्नई में रमेश बाबू और नागलक्ष्मी के घर हुआ था. तेज दिमाग वाले प्रज्ञानानंद सिर्फ 10 साल की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बन गए. ऐसा करने वाले वह उस समय सबसे कम उम्र के थे. फिर 12 साल की उम्र में इस खिलाड़ी ने ग्रैंड मास्टर का तमगा हासिल किया. खास बात ये है कि शतरंज के दिग्गज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने ही उनका मार्गदर्शन किया है.