इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने क्रिकेटर यश दयाल को यौन शोषण के एक मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी है. दयाल पर एक महिला का शादी का झांसा देकर पांच साल तक शोषण करने का आरोप है. अदालत ने शिकायतकर्ता के इतने लंबे समय तक धोखा दिए जाने के दावे पर सवाल उठाते हुए दयाल को अगली सुनवाई तक राहत प्रदान की.
क्रिकेटर यश दयाल ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने और एफआईआर रद्द करने की मांग करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यौन शोषण के एक मामले में क्रिकेटर यश दयाल को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की है. 27 वर्षीय क्रिकेटर पर शादी का झांसा देकर पांच साल तक एक महिला का शोषण करने का आरोप है. उनके खिलाफ 6 जुलाई को गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में यौन शोषण अधिनियम की धारा 69 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अनिल कुमार-X की पीठ ने अगली सुनवाई तक दयाल को राहत दी है. अदालत ने कथित शोषण की समय-सीमा के संबंध में महत्वपूर्ण टिप्पणियां कीं. "आपको एक दिन, दो दिन, तीन दिन... लेकिन पांच साल... आप पाँच साल के लिए रिश्ते में हैं. किसी को पांच साल तक बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता, पीठ ने कार्यवाही के दौरान मौखिक रूप से कहा.
यह मामला एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत से जुड़ा है, जिसका दावा है कि वह लगभग पांच साल पहले दयाल से मिली थी. उसके बयान के अनुसार, दयाल ने उनके रिश्ते के दौरान शादी के वादे किए थे. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि दयाल लगातार उनकी शादी की योजना को टाल रहा था. बाद में उसे पता चला कि दयाल कथित तौर पर अन्य महिलाओं के साथ भी संबंध रखता था. एफआईआर बीएनएस की धारा 69 के तहत दर्ज की गई थी, जो विशेष रूप से धोखे से प्राप्त यौन संबंधों से संबंधित है. उच्च न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम सुरक्षा मामले की अगली निर्धारित सुनवाई की तारीख तक प्रभावी रहेगी.