टीम इंडिया के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की ज़िंदगी एक बार फिर कानूनी विवादों के घेरे में आ गई है. उनकी अलग रह रही पत्नी हसीन जहां ने एक बार फिर कोर्ट जाने का मन बनाया है. वजह है हाईकोर्ट द्वारा हाल ही में दिया गया आदेश जिसमें शमी को हर महीने अपनी पत्नी और बेटी को कुल 4 लाख रुपये गुजारा भत्ता देने को कहा गया है. लेकिन हसीन जहां का कहना है कि यह रकम शमी की कमाई और रहन-सहन के हिसाब से काफी नहीं है.
गौरतलब है कि 1 जुलाई को कलकत्ता हाईकोर्ट ने मोहम्मद शमी को निर्देश दिया कि वे अपनी पत्नी हसीन जहां को हर महीने 1.5 लाख और बेटी आयरा को 2.5 लाख रुपये गुजारा भत्ता दें. यह आदेश सात दिन पहले से लागू माना जाएगा. कोर्ट ने यह फैसला उस समय दिया जब हसीन जहां ने जिला अदालत के पुराने आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें केवल 50 हजार और बेटी को 80 हजार रुपये प्रति माह दिए जाने की बात थी. हालांकि हसीन का कहना है कि उन्होंने तो 10 लाख रुपये मासिक की मांग 7 साल पहले की थी और अब महंगाई बहुत बढ़ चुकी है. उन्होंने कहा कि यह उनकी जीत का पहला कदम है, और अब वे आगे भी न्याय के लिए कोर्ट जाएंगी.
हसीन जहां ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार, पति की आर्थिक स्थिति और जीवनशैली के अनुसार ही पत्नी और बच्चों का भी जीवनस्तर होना चाहिए. उन्होंने कहा, “शमी जिस लेविश लाइफ में रहता है, उसके हिसाब से 4 लाख रुपये बेहद कम हैं. हमने जो डिमांड की थी, वह तब की थी जब हालात अलग थे, अब महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है.” हसीन ने यह भी कहा कि वह इस आदेश की सराहना करती हैं लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आगे और बेहतर निर्णय मिलेगा.
शमी और हसीन जहां की शादी 2014 में हुई थी और 2015 में उनकी बेटी का जन्म हुआ. लेकिन 2018 में हसीन जहां ने शमी पर घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और खर्च न देने के आरोप लगाए. इतना ही नहीं, उन्होंने शमी पर मैच फिक्सिंग जैसे गंभीर आरोप भी लगाए थे, जिसके बाद बीसीसीआई ने शमी का केंद्रीय अनुबंध भी रोक दिया था. हालांकि जांच के बाद शमी को इन आरोपों से मुक्त कर दिया गया. आज तक दोनों कानूनी रूप से तलाकशुदा नहीं हैं, लेकिन अलग रह रहे हैं और मुकदमेबाज़ी लगातार चल रही है.