नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी लंबे समय से मैदान से दूर हैं. हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए टीम का ऐलान हुआ, लेकिन शमी का नाम फिर गायब था. फिटनेस की चिंताओं ने उन्हें कई मौकों से बाहर रखा है. क्या यह उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत है?
शमी की फिटनेस पर सवाल साल भर से उठ रहे हैं. इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दौरे की टीमों में उन्हें जगह नहीं मिली. वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज से भी बाहर रखा गया. मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर ने साफ कहा था कि शमी को घरेलू क्रिकेट में फिटनेस साबित करनी होगी.
शमी ने रणजी ट्रॉफी में शानदार वापसी की. दो मैचों में 15 विकेट झटके, लेकिन फिर भी राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं बनी. यहां तक कि इंडिया ए टीम में दक्षिण अफ्रीका ए के खिलाफ भी उन्हें नहीं चुना गया. यह मौका उनकी मैच फिटनेस और फॉर्म का सही आकलन कर सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
शमी वनडे और टी20 फॉर्मेट से पहले ही बाहर हो चुके हैं. इन प्रारूपों में युवा और लगातार प्रदर्शन करने वाले गेंदबाजों की भरमार है. टीम इंडिया अब नए चेहरों पर भरोसा कर रही है. टेस्ट क्रिकेट में शमी अभी भी उपयोगी हो सकते थे, खासकर विदेशी पिचों पर. शुभमन गिल की अगुवाई वाली टेस्ट टीम में उनकी अनुभवी गेंदबाजी काम आ सकती थी.
हालांकि, चयनकर्ताओं का फोकस बदल गया है. सबकॉन्टिनेंट की परिस्थितियों में स्पिन गेंदबाजों पर ज्यादा जोर रहता है. जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज मुख्य तेज गेंदबाज हैं. इनकी जोड़ी को बदलने की कोई योजना नहीं दिखती.
वर्तमान डब्ल्यूटीसी साइकिल में भारत के विदेशी टेस्ट सीमित हैं. न्यूजीलैंड में सिर्फ दो टेस्ट हैं. दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज हैं. श्रीलंका दौरे की पिचें भारतीय परिस्थितियों जैसी ही होंगी.
घरेलू मैदानों पर स्पिन बहुल आक्रमण पसंद किया जाता है. अगली सीरीज दक्षिण अफ्रीका के दो टेस्ट के बाद अगस्त 2026 में होगी. यह करीब नौ महीनों का लंबा अंतराल है. इतने लंबे गैप में वापसी मुश्किल हो जाती है.
शमी की उम्र 36 साल हो चुकी है. रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करेंगे लेकिन अगले साल यह गिना नहीं जाएगा. लंबे ब्रेक के बाद इतनी उम्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लौटना बेहद कठिन है. चयनकर्ता युवा खिलाड़ियों को तरजीह दे रहे हैं.
कयास लगाए जा रहे हैं कि शमी का भारतीय जर्सी में आखिरी मैच हो चुका है. उनका अनुभव अमूल्य था लेकिन फिटनेस और टीम की रणनीति ने दरवाजे बंद कर दिए लगते हैं. क्रिकेट प्रशंसकों के लिए यह दुखद हो सकता है लेकिन खेल में बदलाव स्वाभाविक हैं.