गुवाहाटी: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच गुवाहाटी में खेला जा रहा दूसरा टेस्ट मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है. मैच के पांचवें और आखिरी दिन भारत को सीरीज में क्लीन स्वीप से बचने के लिए ड्रॉ करना जरूरी है.
साउथ अफ्रीका ने भारत को 522 रनों का मुश्किल लक्ष्य दिया है. हालांकि इतने बड़े लक्ष्य का पीछा करना लगभग नामुमकिन है लेकिन भारतीय टीम पूरे दिन क्रीज पर टिककर मैच बचा सकती है.
मैच के आखिरी दिन की शुरुआत में ही साउथ अफ्रीका को बड़ी सफलता मिलती दिखी. तेज गेंदबाज मार्को जैंसन की एक तेज गेंद भारतीय युवा बल्लेबाज साई सुदर्शन के बल्ले का बाहरी किनारा लेकर विकेटकीपर काइल वेरेन के दस्तानों में समा गई.
फील्ड अंपायर ने तुरंत उंगली उठा दी और साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी जश्न मनाने लगे. हालांकि, तभी स्टेडियम में सायरन बज उठा. यह सायरन नो बॉल का संकेत था. थर्ड अंपायर ने चेक किया तो पता चला कि गेंद फेंकते वक्त मार्को जैंसन का आगे का पैर क्रीज से बाहर था. इसी वजह से गेंद को नो बॉल घोषित कर दिया गया.
24 साल के बाएं हाथ के बल्लेबाज साई सुदर्शन इस समय अपने टेस्ट करियर के शुरुआती दौर में हैं. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था और यह उनका सिर्फ छठा टेस्ट मैच है. पहले टेस्ट में उन्हें मौका नहीं मिला था लेकिन दूसरे टेस्ट में वापसी करने में कामयाब रहे.
अभी तक टेस्ट क्रिकेट में सुदर्शन बड़ा स्कोर नहीं बना पाए हैं इसलिए यह मैच उनके लिए अपनी छाप छोड़ने का सुनहरा मौका है. नो बॉल की वजह से मिली यह जीवनदान उनके आत्मविश्वास के लिए बहुत बड़ा तोहफा साबित हो सकती है.
दो मैचों की इस सीरीज में साउथ अफ्रीका 1-0 से आगे है. कोलकाता में खेले गए पहले टेस्ट को मेहमान टीम ने 30 रनों से जीता था. अब गुवाहाटी टेस्ट अगर भारत ड्रॉ भी करा ले तो मेहमान टीम क्लीन स्वीप नहीं कर पाएगी. साई सुदर्शन समेत सभी भारतीय बल्लेबाजों के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है ताकि मैच को बचाया जा सके.