नई दिल्ली: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच रायपुर में खेला गया पहला वनडे क्रिकेट प्रेमियों के लिए हैरान करने वाला रहा. टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 358 रन ठोंक दिए, जो वनडे क्रिकेट में आमतौर पर मैच जिताने वाला स्कोर माना जाता है.
साउथ अफ्रीका ने इस विशाल लक्ष्य को सिर्फ 6 विकेट खोकर हासिल कर लिया. यह पहला मौका था जब दक्षिण अफ्रीका ने भारत के खिलाफ 350+ का टारगेट चेज किया. आइए जानते हैं वे 5 मुख्य कारण जिनकी वजह से भारत को यह शर्मनाक हार झेलनी पड़ी.
इस मैच में सबसे बड़ा नुकसान टॉस से ही शुरू हो गया. साउथ अफ्रीका के कप्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी, क्योंकि रायपुर की शाम में भारी ओस पड़ती है. ओस की वजह से गेंद गीली हो जाती है, गेंदबाजों को पकड़ने में दिक्कत होती है.
इसकी वजह से बल्लेबाजों को स्विंग व स्पिन कम मिलती है. नतीजा यह हुआ कि दूसरी पारी में चेज़ करना बेहद आसान हो गया. अगर भारत टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करता तो शायद परिणाम अलग होता.
भारत ने अच्छी शुरुआत की थी और बीच के ओवरों में स्कोर तेजी से बढ़ाया लेकिन आखिरी 10 ओवर में बल्लेबाज पूरी तरह सुस्त पड़ गए. सिर्फ 60 गेंदों पर महज 74 रन बने.
केएल राहुल और रविंद्र जडेजा जैसे अनुभवी खिलाड़ी तेजी से रन नहीं जोड़ पाए. अगर ये दोनों थोड़ा और आक्रामक खेलते तो भारत का स्कोर आसानी से 380-390 तक पहुंच सकता था, जिसे चेज करना लगभग नामुमकिन होता.
गेंदबाजी विभाग में भारत पूरी तरह बिखर गया. तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा ने भले ही 2 विकेट लिए हों लेकिन उनके 8 ओवर में 79 रन लुट गए. कुलदीप यादव भी महंगे साबित हुए और 10 ओवर में 78 रन खर्च कर डाले.
डेथ ओवरों में यॉर्कर और स्लोअर गेंदें सही जगह नहीं डाली गईं, जिससे अफ्रीकी बल्लेबाजों ने आसानी से बड़े शॉट खेले. सही लाइन-लेंथ न रख पाना भारत की हार का बड़ा कारण रहा.
युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल इस मैच में बल्ले से तो नाकाम रहे ही फील्डिंग में भी महंगा साबित हुए. उन्होंने ऐडन मार्करम का बेहद आसान कैच टपका दिया, जब मार्करम सिर्फ 53 रन पर थे.
उस जीवनदान का पूरा फायदा उठाते हुए मार्करम ने शानदार शतक (110 रन) जड़ दिया. एक कैच छूटने से पूरे मैच का रुख पलट गया. यह छोटी सी गलती भारत को बहुत भारी पड़ी.
भारतीय टीम की फील्डिंग इस मैच में शर्मनाक स्तर की रही. यशस्वी जायसवाल, अर्शदीप सिंह, वॉशिंगटन सुंदर समेत कई खिलाड़ियों ने बार-बार मिसफील्डिंग की. ओवरथ्रो की वजह से 10-15 अतिरिक्त रन आसानी से लुट गए. छोटी-छोटी गलतियों का कुल मिलाकर बड़ा असर पड़ा और दबाव में आकर गेंदबाज और महंगे साबित हुए.