भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स के हेडिंग्ले में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन जसप्रीत बुमराह ने अपनी गेंदबाजी से एक बार फिर साबित कर दिया कि वह भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े योद्धाओं में से एक हैं. बुमराह ने इंग्लैंड की पहली पारी में 5 विकेट चटकाकर अपनी 14वीं टेस्ट फाइव-विकेट हॉल दर्ज की. उनकी शानदार गेंदबाजी ने न केवल इंग्लैंड को 465 रनों पर समेटने में मदद की बल्कि भारत को पहली पारी में 6 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त भी दिलाई. इस प्रदर्शन के बाद बुमराह ने अपने आलोचकों को करारा जवाब देते हुए कहा कि वह दूसरों की राय पर नहीं, बल्कि अपनी सोच और मेहनत पर भरोसा करते हैं.
तीसरे दिन की शुरुआत में इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी 209/3 से शुरू की थी, जिसमें ओली पोप (106) और हैरी ब्रूक (99) ने शानदार बल्लेबाजी की. हालांकि, बुमराह ने अपनी तेज और सटीक गेंदबाजी से इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को ध्वस्त कर दिया. उन्होंने पहले ही दिन जैक क्रॉली, बेन डकेट और जो रूट जैसे बड़े बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा था. तीसरे दिन उन्होंने क्रिस वोक्स और जोश टंग को आउट कर अपनी फाइव-विकेट हॉल पूरी की. उनके आंकड़े 24.4 ओवर में 5/83 रहे.
हालांकि, बुमराह को शुरुआत में अन्य गेंदबाजों का ज्यादा साथ नहीं मिला. प्रसिद्ध कृष्णा ने तीन विकेट लिए, लेकिन 20 ओवर में 128 रन लुटाए, जबकि मोहम्मद सिराज ने दो विकेट हासिल किए. बुमराह ने अकेले दम पर इंग्लैंड की पारी को ढहाने में अहम भूमिका निभाई. उनकी गेंदबाजी में यॉर्कर, बाउंसर और स्विंग का ऐसा मिश्रण था कि इंग्लैंड के बल्लेबाज बेबस नजर आए.
आलोचकों को बुमराह का जवाब
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुमराह ने अपने आलोचकों को जवाब देते हुए कहा, लोग मेरे बारे में क्या लिखते हैं, यह मेरे हाथ में नहीं है. मुझे हमेशा कम आंका गया है. लोग कहते हैं कि मेरा करियर जल्द खत्म हो जाएगा, लेकिन मैं अपनी सोच पर भरोसा करता हूं. लोग अब भी यही बोलते हैं, अब वो रिटायर हो जाएगा. उन्हें इंतजार करने दो, मैं उसके बारे में नहीं सोच रहा.
उन्होंने यह भी बताया कि वह अपनी चोट और वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर सतर्क हैं, लेकिन उनका फोकस हमेशा टीम की जीत पर रहता है. बुमराह ने कहा कि वह नो-बॉल और ड्रॉप कैच जैसी गलतियों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, क्योंकि यह खेल का हिस्सा है.