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'न्यू मिस्टर कैप्टन कूल' श्रेयस अय्यर को क्यों बनना चाहिए भारत का कप्तान, अगर नहीं हुआ ऐसा तो टीम इंडिया को होगा बड़ा नुकसान

Shreyas Iyer: श्रेयस अय्यर की कप्तानी में पंजाब किंग्स को बेंगलुरु के खिलाफ फाइनल मुकाबले में 6 रनों से हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, इसके बाद भी वे भारत की कप्तानी के लिए सही विकल्प साबित हो सकते हैं. हम यहां पर उनके कप्तान बनने की वजहों पर चर्चा करने वाले हैं.

Shreyas Iyer
Courtesy: Social Media

Shreyas Iyer: श्रेयस अय्यर ने IPL 2025 में पंजाब किंग्स को फाइनल तक पहुंचाया, भले ही ट्रॉफी 6 रन से चूक गई. कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के साथ 2024 में खिताब जीतने और दिल्ली कैपिटल्स को 2020 में फाइनल तक ले जाने के बाद, श्रेयस ने साबित कर दिया कि वह भारत के अगले बड़े कप्तान हो सकते हैं. उनकी शांतचित्त नेतृत्व शैली, आक्रामक रवैया और मुश्किल हालात में धैर्य ने उन्हें 'न्यू मिस्टर कैप्टन कूल' का खिताब दिलाया. लेकिन अगर उन्हें भारतीय टीम की कप्तानी नहीं मिली, तो यह टीम इंडिया के लिए बड़ा नुकसान हो सकता है.

30 साल के श्रेयस अय्यर ने पिछले पांच सालों में तीन अलग-अलग IPL टीमों दिल्ली कैपिटल्स, KKR और पंजाब किंग्स को फाइनल तक पहुंचाया. यह उपलब्धि केवल महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज भी हासिल नहीं कर सके हैं. 2025 में पंजाब को फाइनल में ले जाना उनके नेतृत्व का सबूत है. अहमदाबाद में हार के बाद भी उन्होंने कहा, "हमारा काम अभी आधा बाकी है, अगले साल हम ट्रॉफी जरूर जीतेंगे." 

धोनी जैसी शांति, कोहली जैसी आक्रामकता

श्रेयस में धोनी की तरह शांत रहने की कला और विराट कोहली जैसी आक्रामकता का मिश्रण है. वह मुश्किल हालात में धैर्य बनाए रखते हैं और जरूरत पड़ने पर आक्रामक फैसले लेते हैं. उनकी 'बिंदास मुंबईकर' शैली रोहित शर्मा की याद दिलाती है. चाहे वह KKR के लिए निचले क्रम में बल्लेबाजी करना हो या पंजाब के लिए रणनीति बनाना, श्रेयस ने हमेशा टीम को पहले रखा.

भारतीय कप्तानी के लिए क्यों हैं सही?

  • श्रेयस की कप्तानी में कई खासियतें हैं:
  • रणनीतिक सोच: वह मैदान पर चतुराई से फैसले लेते हैं और खिलाड़ियों का सही इस्तेमाल करते हैं.
  • युवाओं को प्रेरणा: पंजाब में युवा खिलाड़ियों को मौके देकर उन्होंने टीम में आत्मविश्वास भरा.
  • दबाव में प्रदर्शन: फाइनल जैसे बड़े मैचों में भी वह शांत रहकर रणनीति बनाते हैं.
  • लचीलापन: अलग-अलग टीमों के साथ अलग-अलग भूमिकाओं में सफलता उनके अनुकूलन की क्षमता दिखाती है.

कप्तानी न मिलने का नुकसान

अगर श्रेयस को भारतीय टीम की कप्तानी का मौका नहीं मिला, तो यह एक बड़ा अवसर खोने जैसा होगा. वर्तमान में शुभमन गिल जैसे युवा कप्तान को मौका दिया जा रहा है, लेकिन उनकी कप्तानी अभी परखी जा रही है. श्रेयस का अनुभव और परिपक्वता भारतीय टीम को स्थिरता दे सकती है, खासकर T20 और वनडे फॉर्मेट में. उनकी अनदेखी से भारत एक ऐसे लीडर को खो सकता है, जो धोनी और रोहित की तरह टीम को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है.