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Jammu Kashmir: कश्मीर में दृष्टिबाधितों के लिए चल रहा क्रिकेट टूर्नामेंट, मैदान में कमाल दिखा रहे आंखों के लाचार

जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड के महासचिव अजय कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लगभग 70 हजार दृष्टिबाधित युवा है, इस टूर्नामेंट के जरिए सरकार का लक्ष्य दृष्टिबाधितों को मुख्य धारा से जोड़ना है.

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Manish Pandey
Jammu Kashmir: कश्मीर में दृष्टिबाधितों के लिए चल रहा क्रिकेट टूर्नामेंट, मैदान में कमाल दिखा रहे आंखों के लाचार

Cricket Tournament for the Blind: कश्मीर में इन दिनों दृष्टिबाधितों के लिए क्रिकेट टूर्नामेंट चल रहा है। ये टूर्नामेंट समावेशिता और प्रतिभा के प्रोत्साहन की बेहतरीन मिसाल है। टूर्नामेंट कराने की ये पहल 'क्रिकेट एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड' की है। टूर्नामेंट के जम्मू और कश्मीर चैप्टर का मुख्य मकसद इस इलाके के ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को खेल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।

जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड के महासचिव अजय कुमार ने कहा कि कश्मीर की बात करें तो पूरे कश्मीर में बहुत सारे ब्लाइंड हैं, जो घरों में रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार जम्मू-कश्मीर में दृष्टिबाधितों की संख्या लगभग 70 हजार है. सरकार का उद्देश्य इन दृष्टिबाधितों को मुख्य धारा से जोड़ना है. उन्होंने कहा कि अगर में भारत के लिए खेल सकता हूं तो कोई भी दृष्टिबाधित भी भारत के लिए खेल सकता है.

सरकार से नहीं मिल रही आर्थिक मदद
अजय कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड को फिलहाल आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रह है. हमें सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है, लिहाजा टूर्नामेंट के सारे खर्च हमें खुद ही वहन करने होते हैं.

उन्होंने कहा, "2015 से आज तक हमें सरकार से कुछ नहीं मिला है। एक स्पोर्ट्स काउंसिल की तरफ से हमें ग्राउंड मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा रहने, खाने-पीने, आने-जाने का जो भी खर्च होता है उसे फिलहाल हम अपनी जेब से कर रहे हैं. महासचिव अजय कुमार ने कहा कि ये जो टूर्नामेंट है इसे हम जे एंड के हैंडिकैप्ड एसोसिएशन के साथ मिलकर करवा रहे हैं.

टूर्नामेंट को लेकर जे एंड के हैंडिकैप्ड एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष अब्दुल रशीद भट ने कहा, "मैं सबसे पहले तो सरकार से अपील करता हूं कि जिस तरीके से आप हर फील्ड में हर कैटेगरी के लिए फंड देते हैं, उसी तरीके खेल-कूद में दिव्यांग लोगों के लिए भी आपको फंड रखना चाहिए.

यह टूर्नामेंट बख्शी स्टेडियम पर हो रहा है. बख्शी स्टेडियम के स्पोर्ट्स काउंसिल मैनेजर मुश्ताक अहमद जरगर ने कहा, 'हमने खेलने को लिए इनको ग्राउंड दिया है. उनको यह ग्राउंड इसलिए दिया गया है क्योंकि यह फुटबॉल ग्राउंड है और यहां बाहर से गाड़ियों की आवाज नहीं आती है, इनकी जो फुटबॉल होती है वो म्यूजिकल होती है, यहां ये आराम से उस बॉल से खेल सकते हैं. हमें इस टूर्नामेंट के बारे में कल ही पता चला. हमारी सेकेट्री साहिबा मैडम नुसत गुल ने हमें बताया कि आपके यहां एक क्रिकेट मैच होने वाला है. इसके बात हमने सभी खिलाड़ियों के लिए रिफ्रेशमेंट वगैरह का इंतजाम किया. अगर इन्हें कोई तकनीकी जरूरत पड़ेगी तो हम उसको भी प्रोवाइड करेंगे.' जम्मू-कश्मीर में  इस तरह का टूर्नामेंट दिव्यांग एथलीटों को सशक्त बनाने का एक बेहतर प्रयास है