सोमवार दोपहर को रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के ठीक पांच दिन बाद विराट कोहली ने भी टेस्ट से संन्यास ले लिया. इस फैसले ने क्रिकेट जगत को चौंका दिया. फैंस से लेकर उनके साथी खिलाड़ी भी समझ नहीं पाए कि आखिरी कोहली ये फैसला कैसे लिया. भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने गुरुवार को विराट कोहली के साथ टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने से ठीक एक सप्ताह पहले हुई अपनी बातचीत का खुलासा किया. शास्त्री ने खुलासा किया कि हालांकि इस फैसले ने उन्हें "हैरान" किया, लेकिन उस बातचीत के दौरान कोहली के जवाबों से उन्हें एहसास हुआ कि उनके लिए टेस्ट क्रिकेट को छोड़ने का सही समय आ गया है.
कोहली ने शास्त्री से संपर्क किया था, जिनके साथ उन्होंने भारतीय टीम के साथ अपने कार्यकाल के दौरान बहुत अच्छे संबंध बनाए थे. शास्त्री ने संजना गणेशन से कहा कि मैंने उनसे इस बारे में बात की थी, मुझे लगता है कि एक सप्ताह पहले (उनकी घोषणा से) और उनका मन बहुत स्पष्ट था. कोई पछतावा नहीं था. मैंने एक या दो सवाल पूछे थे और वह एक व्यक्तिगत बातचीत थी, उन्होंने बहुत स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था, उनके मन में कोई संदेह नहीं था, जिससे मुझे लगा, 'हां, समय सही है'. मन ने उनके शरीर को बता दिया है कि अब जाने का समय आ गया है.
सुर्खियों में बने रहना उनके थकान का कारण!
शास्त्री ने यह भी महसूस किया कि कोहली का आकर्षक व्यक्तित्व और लगातार सुर्खियों में बने रहना उनके थकान का कारण बना. कोहली के साथ भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सबसे सफल कप्तान-कोच जोड़ी बनाने वाले शास्त्री ने कहा, अगर उन्होंने कुछ करने का फैसला किया, तो उन्होंने अपना 100% दिया जिसकी बराबरी करना आसान नहीं है. फिल्ड में खिलाड़ी अपना काम करता है और फिर आराम से बैठ जाता है. लेकिन कोहली के साथ ऐसा नहीं है. जब टीम मैदान पर जाती है तो ऐसा लगता है कि उसे सभी विकेट लेने हैं, उसे सभी कैच लेने हैं और मैदान पर सभी फैसले भी उसे ही करने हैं.
शास्त्री ने आगे कहा कि इतनी अधिक भागीदारी के बाद, मुझे लगता है कि अगर वह आराम नहीं करता है, अगर वह यह तय नहीं करता है कि वह विभिन्न प्रारूपों में कितना खेलना चाहता है, तो कहीं न कहीं उसमें थकान अवश्य होगी.
'विराट ने मुझे चौंका दिया...'
इस बातचीत के अंत में उन्होंने कहा कि कोहली ने चौंका दिया क्योंकि उन्होंने हमेशा कहा था कि कोहली में अभी कुछ और साल बाकी हैं, कम से कम टेस्ट क्रिकेट में जिस प्रारूप को वह सबसे ज्यादा पसंद करते थे. विराट ने मुझे आश्चर्यचकित कर दिया, क्योंकि मुझे लगा था कि उनमें कम से कम दो-तीन साल का टेस्ट क्रिकेट बाकी है.