ENG vs IND 4th Test: मैनचेस्टर टेस्ट के आखिरी दिन वॉशिंगट सुंदर ने शानदार शतक जड़कर भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों का दिल जीत लिया. नाबाद 101 रनों की पारी खेलकर सुंदर ने न केवल अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया बल्कि रवींद्र जडेजा के साथ 203 रनों की साझेदारी कर भारत को हार से बचाया. इस शानदार प्रदर्शन के बाद सुंदर ने खुलासा किया कि आखिर कैसे उन्होंने यह कारनामा कर दिखाया.
वॉशिंगट सुंदर को इस मैच में नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने का मौका मिला क्योंकि ऋषभ पंत चोटिल थे. सुंदर ने बताया कि उनकी पूरी कोशिश थी कि वह पूरे दिन डटकर बल्लेबाजी करें और मैच को ड्रॉ करवाएं. कोच गौतम गंभीर ने भी यही संदेश दिया था. सुंदर ने कहा, "यह शतक मेरे लिए बहुत खास है. टेस्ट में शतक बनाना एक अलग ही अनुभव है. कोच ने मुझसे कहा था कि पूरे दिन लड़ना है और मैच बचाना है. मैं खुश हूं कि हम ऐसा कर पाए."
सुंदर ने रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर शानदार साझेदारी की. उन्होंने बताया कि उनकी और जडेजा की बातचीत का आधार था कि हर गेंद को उसके गुण के हिसाब से खेलना. पिच पर तेज गेंदबाजों और स्पिनरों दोनों को मदद मिल रही थी, इसलिए अनुशासित रहना जरूरी था. सुंदर ने कहा, "हमारा ध्यान सिर्फ गेंद को देखकर खेलने पर था. हमने अनुशासन बनाए रखा और पूरी मेहनत की. इस साझेदारी ने हमें मैच ड्रॉ कराने में मदद की."
सुंदर की इस पारी ने भारत को सीरीज में जिंदा रखा है. अब अगला टेस्ट ओवल में होगा, जहां भारत सीरीज को बराबर करने की कोशिश करेगा. सुंदर ने कहा, "मैच ड्रॉ कराने का अनुभव शानदार रहा. पूरी टीम ने इस टेस्ट में शानदार प्रदर्शन किया. अब अगला मैच और भी रोमांचक होगा."वॉशिंगट सुंदर की इस पारी ने न केवल उनकी प्रतिभा को दिखाया, बल्कि यह भी साबित किया कि दबाव में वह बड़े कारनामे कर सकते हैं. उनके इस शतक ने भारतीय ड्रेसिंग रूम में नई उम्मीद जगा दी है.