Asia Cup 2025: ना हां, ना हां के बाद आखिरकार पाकिस्तान की टीम यूएई के खिलाफ मैच खेलने को राजी हो गई है. ताजा जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान की टीम मैच खेलने के लिए होटल से दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम के लिए रवाना हो चुकी है.
एशिया कप में बुधवार को उस समय हंगामा मच गया, जब पाकिस्तान की क्रिकेट टीम ने यूएई के खिलाफ होने वाले मैच के लिए स्टेडियम जाने से मना कर दिया. टॉस में बस कुछ मिनट बाकी थे, लेकिन पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के निर्देश पर टीम होटल में ही रुकी रही. पीसीबी और आईसीसी के बीच चल रहे विवाद ने इस मुकाबले को अनिश्चितता के भंवर में डाल दिया है.
होटल में अटकी पाकिस्तान टीम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीसीबी ने अपनी टीम को होटल में ही रोक रखा, क्योंकि वह आईसीसी से जिम्बाब्वे के रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को टूर्नामेंट से हटाने की मांग कर रहा था. दूसरी ओर, यूएई की टीम 20 मिनट पहले ही मैदान पर पहुंच चुकी थी. इस टकराव ने मैच अधिकारियों और प्रसारकों को असमंजस में डाल दिया, क्योंकि मैच शुरू होने में देरी हो रही थी.
#WATCH | Asia Cup 2025 | Team UAE arrives at Dubai International Cricket Stadium. They are scheduled to take on Pakistan here this evening. pic.twitter.com/d4ieUzX18V
— ANI (@ANI) September 17, 2025
हैंडशेक विवाद की आग
यह विवाद रविवार को भारत-पाकिस्तान मैच के बाद शुरू हुआ, जब भारतीय खिलाड़ियों, विशेष रूप से सूर्यकुमार यादव ने, पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया. जवाब में, पाकिस्तान के कप्तान सलमान आगा ने पोस्ट-मैच प्रजेंटेशन में हिस्सा नहीं लिया. पीसीबी ने पायक्रॉफ्ट पर आरोप लगाया कि उन्होंने आगा को टॉस और मैच के बाद हैंडशेक न करने की सलाह दी, जो क्रिकेट की भावना के खिलाफ है.
क्या है दांव पर
पीसीबी ने मंगलवार शाम से अपनी मीडिया ब्रीफिंग रद्द कर दी और टीम को निर्धारित समय पर स्टेडियम के लिए रवाना नहीं किया. अगर पाकिस्तान इस मैच से हटता है, तो उसे करीब 16 मिलियन डॉलर का वित्तीय नुकसान हो सकता है. साथ ही, पीसीबी प्रमुख मोहसिन नकवी की अगुवाई वाली एशियाई क्रिकेट परिषद की साख भी दांव पर है. अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
क्रिकेट या सियासत
यह मुकाबला, जो क्रिकेट के मैदान पर खेला जाना था, अब बोर्डरूम की सियासत का अखाड़ा बन गया है. पीसीबी इसे निष्पक्षता की लड़ाई बता रहा है, जबकि आईसीसी ऐसी मांगों को मानने से बच रही है, ताकि भविष्य में गलत नजीर न बने. अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान मैदान पर उतरेगा या टूर्नामेंट से बाहर होने का जोखिम उठाएगा.