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India Daily

'मैं वूमेंस क्रिकेट खेलना चाहती...', लड़का से लड़की बने अनाया बांगर ने ICC और BCCI से की बड़ी मांग

Anaya Bangar: संजय बांगर के बेटे अनाया बांगर, जो अब लड़की बन चुके हैं. उन्होंने ICC और BCCI से बड़ी मांग की है. उनका कहना है कि ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को वूमेंस खेल में शामिल किया जाना चाहिए. इसके लिए उन्होंने अपनी मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की है.

Anaya Bangar
Courtesy: Social Media

Anaya Bangar: अनाया बांगर, जो पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय बांगर के बेटे थे. अब वे लड़की बन चुके हैं और उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) से ट्रांसजेंडर क्रिकेटरों के लिए समर्थन की मांग की है. 

अनाया का कहना है कि वे वूमेंस क्रिकेट में खेलना चाहती हैं. इसके लिए उन्होंने साइंटिफिक सबूत भी दिखाए हैं. यह मांग उस समय सामने आई है, जब ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को वूमेंस क्रिकेट में खेलने से रोक लगी हुई है. 

अनाया बांगर ने दिखाई अपनी मेडिकल रिपोर्ट

अनाया ने हाल ही में एक आठ पेज की वैज्ञानिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें उनकी ट्रांसजेंडर एथलीट के रूप में यात्रा का ब्योरा है. इस रिपोर्ट में पिछले एक साल में हार्मोन थेरेपी के बाद उनके शारीरिक बदलावों का आकलन किया गया है. इसमें उनकी मांसपेशियों की ताकत, सहनशक्ति, ग्लूकोज और ऑक्सीजन स्तर जैसे पहलुओं की तुलना सिसजेंडर महिला एथलीटों से की गई. रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी मापदंडों में अनाया का प्रदर्शन सिसजेंडर महिला एथलीटों के सामान्य स्तर के भीतर है.

अनाया ने इंस्टाग्राम वीडियो के जरिए यह रिपोर्ट साझा करते हुए कहा, "पहली बार मैं अपनी ट्रांस महिला एथलीट के रूप में यात्रा की मेडिकल रिपोर्ट शेयर कर रही हूं. यह मेरे हार्मोन थेरेपी के बाद के बदलावों का वास्तविक और मापा गया डेटा है न कि कोई राय या अनुमान." 

ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों पर बैन की चुनौती

बता दें कि ICC ने 2023 वर्ल्ड कप के बाद ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को वूमेंस क्रिकेट में खेलने से रोक दिया है. अनाया, जो पहले लड़के के रूप में पैदा हुई थीं. उन्होंने हार्मोन थेरेपी के जरिए अपनी पहचान को बदलते हुए महिला के रूप में स्वीकार किया है. 

संजय बांगर का समर्थन

अनाया के पिता संजय बांगर ने टीम इंडिया के लिए 12 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेल चुके हैं. बांगर 2014 से 2019 तक भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच भी रहे हैं. अनाया की इस पहल में उनके परिवार का पूरा समर्थन है. अनाया का कहना है कि उनका मकसद डर से नहीं बल्कि तथ्यों के आधार पर एक नई शुरुआत करना है ताकि ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों के लिए जगह बन सके.