भारत में AI ने अपनी अलग पहचान बनाई है. फिर चाहें वो हेल्थकेयर में हो या एजुकेशन में, AI हर तरफ छाया हुआ है. एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2023 में 14 फीसद से ज्यादा लोगों ने AI को कई सर्विसेज में शामिल किया है. सरकार ने भी WhatsApp, Umang आदि में AI को जगह दी है.
भारत में AI का इस्तेमाल स्टार्टअप में भी किया गया है. 60 से ज्यादा स्टार्टअप्स में AI का इस्तेमाल किया गया है.
जब से ChatGPT को लॉन्च किया गया है तब से अब तक इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. अक्टूबर 2023 में ChatGPT पर लोगों ने करीब 1.7 बिलियन बार विजिट किया है.
कई मामलों में AI बेहद ही मददगार साबित हो सकता है. यह घंटों के काम को मिनटों में आसानी से कर सकता है लेकिन क्या यह पूरी तरह सुरक्षित है. हम कहेंगे नहीं, क्योंकि Deepfake की गंभीरता भी किसी से छिपी नहीं है. लोग दूसरों की इमेज को डाउन करने के लिए AI का इस्तेमाल भी खूब कर रहे हैं.
AI के जरिए स्कैमर्स नए-नए तरीकों से लोगों को फंसाने का काम करते हैं. इनके जरिए लोगों के पैसे लूटे जाते हैं. चाहें डीपफेक हो या फिर आइडेंटिटी थेफ्ट, सब AI के जरिए ही किया जा रहा है.
फोर्ब्स ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार, 2025 तक भारत में AI पर लगभग 9,800 करोड़ रुपये तक एक्सपेंस हो सकता है. अगर डॉमेस्टिक प्रोडक्ट्स की बात करें तो इनमें न्यूनतम 3,750 करोड़ रुपये का योगदान मिल सकता है.