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'रजाई में मुंह छुपाकर सोने का सुकून', क्यों देता है इतना आराम? जानें साइंस क्या कहती है

सर्दियों में रजाई ओढ़कर मुंह ढककर सोना कई लोगों को बेहद सुकून देता है. इसकी वजह शरीर का तापमान नियंत्रित होना, सुरक्षित महसूस करना और दिमाग का रिलैक्स मोड में जाना माना जाता है.

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Edited By: Reepu Kumari
Why Sleeping with Blanket Over Face Feels Comforting
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: सर्दी शुरू होते ही रजाई की गर्माहट सबसे ज्यादा सुकून देने लगती है. कई लोग आदत में मुंह तक रजाई ओढ़ लेते हैं और कहते हैं कि इससे नींद तुरंत आ जाती है. यह सिर्फ आदत नहीं बल्कि शरीर और दिमाग की प्राकृतिक प्रतिक्रिया भी होती है. ठंड के मौसम में शरीर को स्थिर तापमान चाहिए होता है और रजाई उसे संतुलित बनाए रखती है.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि रजाई में मुंह तक ढककर सोने का यह सुकून आखिर क्यों मिलता है? इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण जुड़े होते हैं. हल्की गर्म हवा, सुरक्षा की भावना और मन का शांत होना इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं. हालांकि विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि पूरी तरह बंद माहौल में सोना कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकता है.

तापमान नियंत्रण का असर 

रजाई के भीतर रहने से गर्म हवा शरीर के पास बनी रहती है, जिससे ठंड नहीं लगती और दिमाग को आराम का संकेत मिलता है. यह स्थिर तापमान शरीर को नींद के लिए तैयार करता है. इसी कारण चेहरे को भी ढक लेने से नींद जल्दी आने लगती है और शरीर रिलैक्स महसूस करता है.

सुरक्षा की भावना बढ़ती है 

मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि रजाई में मुंह छुपाकर सोना व्यक्ति को सुरक्षित महसूस कराता है. यह बचपन की उस आदत से जुड़ा होता है जब हम कंबल में छिपकर आराम पाते थे. दिमाग इसे “सेफ स्पेस” मानता है, जिससे तनाव कम होता है और नींद गहरी आती है.

शांत माहौल में दिमाग रिलैक्स

रजाई के अंदर बाहरी रोशनी और आवाजें कम महसूस होती हैं. यह दिमाग को बाहरी व्यवधानों से बचाता है और उसे आराम की स्थिति में ले जाता है. ऐसे में शरीर का मेलाटोनिन बढ़ता है, जो नींद को बेहतर बनाता है.

सांस लेने में हो सकती है दिक्कत 

विशेषज्ञ बताते हैं कि पूरी तरह मुंह ढककर सोने से कार्बन डाइऑक्साइड दोबारा शरीर में जा सकती है. इससे सिरदर्द, थकान या भारीपन की समस्या हो सकती है. इसलिए हल्का ढकना ठीक है, लेकिन पूरी तरह ढककर लंबे समय तक सोना सही नहीं माना जाता.

किन लोगों को बचना चाहिए 

अस्थमा, एलर्जी या साइनस की समस्या वाले लोगों को रजाई में पूरी तरह मुंह ढककर सोने से बचना चाहिए. इससे सांस का प्रवाह बाधित हो सकता है. बच्चों के लिए भी यह आदत सुरक्षित नहीं मानी जाती. बेहतर नींद के लिए हल्की गर्माहट और खुले माहौल को प्राथमिकता दें.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.