Home remedies for snoring: अक्सर जब हम सोने जाते हैं तो सपनों और खर्राटों का आना एक आम बात देखी गई है. जहां सपने व्यक्ति की कल्पना शक्ति को दर्शाते हैं तो वहीं पर खर्राटे आदमी की जीवनशैली में आने वाली खराब आदतों का नतीजा होती हैं. जब हवा आपके गले से श्वस्न नली के जरिए बाहर की ओर निकलती है कंपन पैदा करती है और जब यह कंपन ज्यादा तेजी से होता है तो एक आवाज होती है जिसे खर्राटे कहा जाता है.
खर्राटे किसी व्यक्ति के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी बन सकता है जिसे खत्म या कम करने के लिए डॉक्टर आपको सबसे पहले आपकी लाइफस्टाइल बदलने की सलाह देते हैं. आज हम आपकों इनके आने के कारण और इन्हें खत्म करने के तरीकों की जानकारी देंगे.
खर्राटों के आने की मुख्य वजह ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) नामक स्लीपिंग डिसऑर्डर होता है जिसे हम नींद के दौरान स्वांस लेने में आने वाली रुकावट भी कह सकते हैं. इस डिसऑर्डर की पहचान तेज आवाज करने वाले खर्राटों से होती है जिसमें आदमी अक्सर हांफता हुआ महसूस करता है.
आमतौर पर खर्राटों के आने के पीछे ये वजह मानी जाती है जिसमें नींद के दौरान सांस रुकना, दिन में ज्यादा नींद का आना, जागने पर गले में खराश का होना, रात में दम घुटना या हांफना, सोते हुए सीने में दर्द और हाई ब्लड प्रेशर का होना शामिल है. अगर इनमें से आपको कोई भी संकेत नजर आता हैं तो आपको भी ओएसए हो सकता है और इसके लिए तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें.
खर्राटों से परेशान होना स्वाभाविक है खासतौर से तब जब इसकी वजह से आपके आस-पास वाले ज्यादा परेशान होने लगे. ऐसे में खर्राटों के इलाज के लिए जब आप डॉक्टर से संपर्क करते हैं तो वो सबसे पहले आपको अपने लाइफस्टाइल को बदलते हुए वजन कम करने, सोने से पहले शराब न पीने, बंद नाक का इलाज करने, पीठ के बल न सोने और नींद की कमी से बचने की सलाह देता हुआ नजर आ सकता है.
खर्राटों से बचने के लिए सोने का सही तरीका क्या हो सकता है इसका भी वैज्ञानिक तरीका बताया गया है. जब आप पीठ के बल सोते हैं तो कई बार जीभ आपके गले के पीछे चली जाती है तो गले से हवा के निकलने में दिक्कत आती है और इसके चलते खर्राटे शुरू हो जाते हैं. ऐसे में अगर आप करवट लेकर सोते हैं तो आपके गले से हवा आसानी से आर-पार होती है खर्राटों को कम करने या रोकने में कारगर साबित होती है.
अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन और स्लीप रिसर्च सोसाइटी के एक पेपर के अनुसार अगर कोई व्यक्ति 7-9 घंटे की नींद हर रात नहीं ले पा रहा है तो उसमें खर्राटे आने की शिकायत मिलने की ज्यादा संभावना बनती है. जब आप कम नींद लेते हैं तो आपके गले की मांसपेशियों को पूरा आराम नहीं मिलता है और इससे श्वस्न नली में रुकावट की संभावना भी बढ़ जाती है . ऐसे में अगर ज्यादा खर्राटे आने लगे तो आपकी नींद भी पूरी नहीं हो पाने की समस्या बढ़ जाएगी.
तकिया रखना खर्राटों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि जब अपने बिस्तर के सिराहने से कुछ इंच ऊपर सोते हैं तो आपके नाक से होकर गुजरने वाली हवा खर्राटों को कम करने में मदद करती है और इसके लिए आप तकिए का इस्तेमाल कर सकते हैं.
अगर आप नेजल स्ट्रिप्स या नेजल डाइलेटर का इस्तेमाल करते हैं तो ये आपके श्वस्न द्वार के लिए जगह बढ़ाने का काम करता है और आपके श्वास लेने की प्रक्रिया को कारगर बनाता है. वहीं नेजल डाइलेटर की बात करें तो ये हवा के प्रवाह के प्रतिरोध को कम सकता है जिससे सांस लेना आसान हो जाता है.
धूमप्रान की आदत ऐसी है जो आपके खर्राटों को मुश्किल बना सकती है. साल 2014 में आई एक स्टडी के अनुसार खर्राटों के आने के पीछे की वजह धूम्रपान भी होता है इस वजह से अगर स्मोकिंग करते हैं तो आज ही छोड़ दें.