Love Brain Disorder: प्रेम या इश्क को लेकर कई सारी कहानियां और गीत लिखे गए हैं. प्रेम की व्याख्या करते हुए कई गीतकारों ने इसे रोग की संज्ञा भी दी.कुछ ने तो इसे आग का दरिया भी कहा है,लेकिन आज हम आपको एक ऐसी बीमारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ब्रेन में केमिकल लोचे से उत्पन्न हो जाती है और प्यार को जुनून में बदल देती है.
इस बीमारी को लव ब्रेन डिसऑर्डर कहते हैं. कई ऐसे लोग होते हैं, जो इस समस्या से परेशान होते हैं पर उनको खुद ही नहीं पता होता है कि वे एक बीमारी से जूझ रहे हैं. इस बीमारी की पहचान आप इसके लक्षणों से कर सकते हैं.
चीन में 18 वर्ष की एक लड़की जियाओयू को अपने बॉयफ्रेंड से प्यार था.यह प्यार उस लड़की पर इस कदर हावी हो गया कि जुनून बन गया. प्यार की खुमारी दोनों के सिर पर चढ़ी पर लड़का एक समय पर थम गया और लड़की सारी हदें पार करती रही. लड़की अपने बॉयफ्रेंड की हर खबर रखने लगी और यह उसकी आदत बन गया. वहीं, लड़का अपनी गर्लफ्रेंड की इस आदत से खुद में घुटन महसूस करने लगा.
एक बार लड़के का कॉल ने उठने पर लड़की ने उसको 100 से ज्यादा बार तक कॉल कर दिया. इससे लड़का तंग आ गया. लड़के के रिस्पांस न करने पर लड़की अपनी जान देने पर उतारू हो गई. पुलिस ने समय पर पहुंचकर लड़की की जान बचाई और उसको हॉस्पिटल पहुंचाया. अस्पताल में पता चला कि ये प्यार नहीं बल्कि इससे जुड़ी एक बीमारी लव ब्रेन डिसऑर्डर है.
इस बीमारी का खुलासा चीन के चेंगदू स्थित द फोर्थ पीपुल्स हॉस्पिटल में हुआ. जब उस 18 साल की लड़की को हॉस्पिटल लाया गया तो डॉक्टर्स ने बताया कि इस लड़की को क्या है लव ब्रेन डिसऑर्डर है, जिसे लव ब्रेन डिसऑर्डर के नाम से भी जाना जाता है. इस बीमारी में मरीज कौ बाइपोलर डिसऑर्डर के साथ ही डिप्रेशन और एंग्जायटी होती है. डॉक्टर्स का कहना है कि यह बीमारी अधिकतर उन लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है, जिन्हें बचपन से अपने परिवार का प्यार नहीं मिला होता है. जो भी इंसान इस बीमारी से पीड़ित होता है, वह अपने इमोशन पर कंट्रोल नहीं रख पाता है.
इस बीमारी में मरीज को किसी एक खास इंसान के प्रति आकर्षण बहुत बढ़ जाता है. मरीज उस इंसान के प्रति काफी जुनूनी होता है. इसके साथ ही वो जिससे प्यार करता है. उसकी रक्षा करने की कोशिश करता है. उस व्यक्ति पर वह अपना अधिकार समझता है और उसके लिए ही सोचता है. वह उसके अन्य संबंधों से नफरत करता है और मरीज में आत्मसम्मान की भावना भी कम होती है.
इस बीमारी में मरीज की भूख में बदलाव होता है. इसके साथ ही ड्राई माउथ, थकान, सिरदर्द, अनिद्रा, कामेच्छा में कमी, जी मिचलाना, वेट गेन भी इस बीमारी का ही एक लक्षण हो सकता है.
इस बीमारी का इलाज दवाई और थेरेपी के माध्यम से होता है. ब्रेन केमिकल का एडजस्ट करने के लिए एंटी डिप्रेशेंट दवाइयां दी जा सकती हैं. इस बीमारी के इलाज में थोड़ा समय लग सकता है.
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