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India Daily

भारत में प्रोटीन पाउडर को लेकर हुआ बड़ा खुलासा, जानकर फटी रह जाएंगी आंखें, आज ही खाना छोड़ देंगे आप

भारत में बेचे जाने वाले अधिकांश मेडिकल और न्यूट्रास्यूटिकल प्रोटीन पाउडर में घटिया गुणवत्ता, उच्च शुगर और गलत लेबलिंग पाए गए हैं, जिससे ये चिकित्सीय उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं हैं.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

पहली बार हुए भारतीय विश्लेषण में खुलासा हुआ कि अधिकांश फार्मा-ग्रेड प्रोटीन पाउडर में गुणवत्ता कम, शुगर अधिक और लेबलिंग भ्रामक है. 34 उत्पादों के परीक्षण में केवल एक ही उत्पाद मानक गुणवत्ता पर खरा उतरा.

विशेषज्ञों का कहना है कि लोग इन पाउडरों के लिए अधिक भुगतान कर रहे हैं लेकिन गुणवत्ता में समझौता हो रहा है. ये पाउडर चिकित्सकीय आवश्यकताओं वाले रोगियों के लिए भी उपयुक्त नहीं हैं और आम जनता को भी इससे लाभ नहीं हो रहा.

फार्मा और न्यूट्रास्यूटिकल प्रोटीन में अंतर

विश्लेषण में 18 मेडिकल और 16 न्यूट्रास्यूटिकल प्रोटीन पाउडर शामिल थे. न्यूट्रास्यूटिकल पाउडरों में औसत अमीनो एसिड 82.26g/100g था जबकि फार्मा-ग्रेड में केवल 25.84g/100g। आवश्यक अमीनो एसिड की मात्रा भी फार्मा पाउडरों में बहुत कम थी. लेयूसीन की कमी ने मांसपेशियों के निर्माण को प्रभावित किया. शुगर की मात्रा कई उत्पादों में 2g से अधिक पाई गई. यह अंतर गुणवत्ता और पोषण क्षमता में बड़ा फर्क दर्शाता है.

लेबलिंग और नाइट्रोजन स्पाइकिंग

83% फार्मा-ग्रेड पाउडर में गलत लेबलिंग मिली. Fresubin और Prohance जैसे उत्पादों में टॉरिन जैसी सस्ती अमीनो एसिड के उच्च स्तर पाए गए, जिससे प्रोटीन को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया. ये प्रैक्टिस मांसपेशियों के लिए आवश्यक प्रोटीन की वास्तविक मात्रा को कम दिखाती है और उपभोक्ताओं को भ्रमित करती है.

भारी धातु, अफ्लाटॉक्सिन और हानिकारक सामग्री

कुछ उत्पादों में भारी धातु, अफ्लाटॉक्सिन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन की उच्च मात्रा मिली. ये तत्व स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं. अध्ययन में यह भी बताया गया कि ये समस्या केवल एक बैच में नहीं बल्कि पूरे सिस्टमिक स्तर पर है.

प्रमुख ब्रांड्स की स्थिति

B-protein में 0.61g लेयूसीन और 4.83g शुगर पाई गई. Ensure High-Protein में 2.78g लेयूसीन और Protinex में 3.43g फ्रुक्टोज था. कोई भी फार्मा-ग्रेड उत्पाद न्यूनतम आवश्यक अमीनो एसिड मात्रा पर खरा नहीं उतरा. यह दर्शाता है कि ब्रांड नाम होने के बावजूद उत्पाद की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं है.

विशेषज्ञों की चेतावनी

डॉ. फिलिप्स और डॉ. हेमलथा आर ने कहा कि प्रोटीन पाउडर केवल विशेषज्ञ की सलाह पर ही लें. ये संपूर्ण आहार का विकल्प नहीं हैं. लगातार गुणवत्ता जांच और स्वतंत्र निगरानी से ही उपभोक्ताओं को सुरक्षित उत्पाद मिल सकते हैं.