Divorce Temple in Japan: दुनिया भर में कई मंदिर अपनी अनोखी परंपराओं और अद्भुत इतिहास के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन जापान का डिवोर्स टेम्पल (Divorce Temple) एक अनोखा स्थान है जहां तलाक के मामले सुलझाए जाते हैं.
इसे स्थानीय भाषा में मांटोकुजी टेम्पल (Mantokuji Temple) कहा जाता है. यह मंदिर जापान के गुनमा प्रीफेक्चर में स्थित है और इसकी स्थापना 12वीं शताब्दी में हुई थी.
मांटोकुजी टेम्पल का इतिहास जापान के मध्यकालीन युग से जुड़ा है. उस समय महिलाओं के लिए तलाक लेना आसान नहीं था. समाज में पुरुषों का प्रभुत्व था और महिलाओं के अधिकार सीमित थे. ऐसे में इस मंदिर ने महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने का मंच प्रदान किया.
महिलाएं अगर अपने वैवाहिक जीवन से परेशान होती थीं, तो वे इस मंदिर में शरण लेती थीं. यहां उन्हें समाज से अलग एक सुरक्षित स्थान मिलता था, जहां वे अपने पति से अलग होने का अनुरोध कर सकती थीं. मांटोकुजी मंदिर न केवल एक आध्यात्मिक स्थान था, बल्कि यह एक सामाजिक संस्थान के रूप में भी काम करता था.
मांटोकुजी मंदिर में तलाक लेने की प्रक्रिया बहुत ही अनोखी थी. महिलाएं यहां आकर अपनी शिकायत दर्ज करती थीं और अपने पति से अलग होने का कारण बताती थीं. इसके बाद, मंदिर के पुजारी और अन्य अधिकारी उनकी समस्या को समझते थे और तलाक का फैसला करते थे. यदि मंदिर तलाक को मंजूरी देता, तो इसे सामाजिक रूप से स्वीकार किया जाता था.
आज भी मांटोकुजी टेम्पल महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों का प्रतीक है. हालांकि अब तलाक लेने की प्रक्रिया सरकारी स्तर पर होती है, लेकिन यह मंदिर एक प्रतीक के रूप में कायम है. यह दर्शाता है कि समाज में महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष कितना पुराना है.
आज यह मंदिर पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन चुका है. यहां आने वाले लोग इसके ऐतिहासिक महत्व और अनोखी परंपराओं के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं. यह स्थान महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक है और दर्शाता है कि कैसे एक धार्मिक स्थल ने समाज में बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाई.
मांटोकुजी टेम्पल न केवल जापान की संस्कृति को दर्शाता है, बल्कि यह एक प्रेरणा भी है कि हर महिला को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने का हक है.