नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अग्निवीर योजना के तहत सेवा दे चुके युवाओं को लेकर बड़ा और अहम फैसला किया है. लंबे समय से यह सवाल उठ रहा था कि चार साल की सेवा के बाद अग्निवीरों के भविष्य का क्या होगा.
अब सरकार के नए फैसले से यह साफ हो गया है कि पूर्व अग्निवीरों को सुरक्षा बलों में रोजगार के ज्यादा मौके मिलेंगे. यह निर्णय उनके लिए स्थायी करियर की राह खोलने वाला माना जा रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल में कांस्टेबल भर्ती से जुड़े नियमों में संशोधन किया है. इसके तहत पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षण को 10 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया गया है. यह बदलाव BSF जनरल ड्यूटी कैडर के भर्ती नियम 2015 में संशोधन के जरिए किया गया है. सरकार का मानना है कि इससे प्रशिक्षित और अनुशासित युवाओं को बल में शामिल होने का अवसर मिलेगा.
सरकार की अधिसूचना के मुताबिक पहले बैच के पूर्व अग्निवीरों को अधिकतम आयु सीमा में पांच साल तक की छूट दी जाएगी. वहीं अन्य पूर्व अग्निवीरों को तीन साल की आयु छूट मिलेगी. इसके अलावा शारीरिक मानक परीक्षण और शारीरिक दक्षता परीक्षण में भी विशेष छूट का प्रावधान किया गया है, ताकि उन्हें भर्ती प्रक्रिया में अतिरिक्त सहूलियत मिल सके.
अधिसूचना में बताया गया है कि पहले चरण में नोडल फोर्स पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित 50 फीसदी रिक्तियों पर भर्ती करेगी. दूसरे चरण में कर्मचारी चयन आयोग बाकी 47 फीसदी रिक्तियों के लिए भर्ती करेगा, जिसमें 10 फीसदी पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित होंगी. पहले चरण में बची रिक्तियों को भी इसी प्रक्रिया में भरा जाएगा.
अग्निवीर योजना लागू होने के बाद से ही विपक्ष और कई संगठनों ने चार साल की सेवा के बाद नौकरी की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए थे. युवाओं में भी इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही. सरकार का यह फैसला इन चिंताओं को दूर करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
इस साल जून में केंद्र सरकार ने कार्य आवंटन नियम 1961 में संशोधन किया था. इसके तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय को सशस्त्र बलों में चार साल की सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों के भविष्य और उनके पुनर्वास से जुड़ी गतिविधियों के समन्वय की जिम्मेदारी दी गई थी. अब BSF में बढ़ा हुआ कोटा उसी दिशा में अगला कदम माना जा रहा है.