यूक्रेन ने जब से रूस के खिलाफ युद्ध का सामना करना शुरू किया है, तब से वह न सिर्फ लड़ाई लड़ रहा है, बल्कि देश के पुनर्निर्माण की भी जंग लड़ रहा है. इसी कड़ी में दो दिवसीय "यूक्रेन रिकवरी कॉन्फ्रेंस" की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने यूरोपीय संघ के नेताओं के सामने एक कड़ा संदेश रखा. उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है जब रूस की फ्रीज की गई संपत्तियों को यूक्रेन के पुनर्निर्माण में लगाया जाए. यह सिर्फ एक मानवीय कार्य नहीं है, बल्कि पूरे यूरोप की सुरक्षा और समृद्धि से जुड़ा मामला है.
सम्मेलन की शुरुआत करते हुए ज़ेलेंस्की ने रूसी ड्रोन हमलों की निंदा की और कहा कि ये हमले यूक्रेनी जनता को डराने और देश से भगाने की साजिश का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा, "बीती रात एक बार फिर कीव पर भारी हमला हुआ. यह शुद्ध आतंकवाद है. पुतिन चाहते हैं कि लोग डरें, भागें और यूक्रेन की ज़िंदगी बर्बाद हो जाए, सिर्फ सीमावर्ती इलाकों में नहीं, पूरे देश में."
ज़ेलेंस्की ने ज़ोर देकर कहा कि अब सिर्फ रूस की फ्रीज की गई संपत्तियों से होने वाली आय नहीं, बल्कि खुद संपत्तियों को ही यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए इस्तेमाल में लाना चाहिए. उन्होंने कहा, “हम सबको मिलकर यह तय करना होगा कि रूस की ये संपत्तियां यूक्रेन की सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों और घरों के निर्माण में काम आएं. यह केवल यूक्रेन की मदद नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की स्थिरता में निवेश है.”
उन्होंने यह भी कहा कि रूस जब हमला बढ़ाता है, तब दुनिया को निवेश और समर्थन भी बढ़ाना चाहिए, ताकि यह संदेश जाए कि आतंक की भाषा चलने नहीं दी जाएगी.
ज़ेलेंस्की ने कहा कि केवल वे देश जो यूक्रेन की सच्ची मदद कर रहे हैं, वही पुनर्निर्माण में साझेदार बनेंगे. उन्होंने रूस के साथ किसी भी प्रकार के व्यापारिक या तकनीकी सहयोग को खारिज कर दिया. राष्ट्रपति ने यूक्रेन की तेजी से हो रही सैन्य आधुनिकीकरण की भी सराहना की और बताया कि कितनी जल्दी देश ने सोवियत जेट से एफ-16 और मिराज जैसे आधुनिक विमान अपनाए हैं. उन्होंने सहयोगी देशों से एयर डिफेंस मजबूत करने में भी मदद की मांग की.
इसके साथ ही ज़ेलेंस्की ने रूस द्वारा अपहृत यूक्रेनी बच्चों की वापसी की अपील करते हुए कहा कि "हमें हर संभव रास्ता अपनाना होगा ताकि हमारे बच्चे वापस अपने परिवारों तक पहुंचें और उन्हें अपनी पहचान याद रहे."