Nobel Peace Prize: नोबेल शांति पुरस्कार को विश्व के सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में गिना जाता है. यह पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने विश्व शांति की स्थापना में विशेष योगदान दिया हो. इस वर्ष पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस पुरस्कार के लिए नामित किया है. अगर ट्रंप को यह सम्मान मिलता है, तो वे पांचवें अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे जिन्हें यह पुरस्कार प्राप्त होगा. इससे पहले थियोडोर रूजवेल्ट, वुडरो विल्सन, जिमी कार्टर और बराक ओबामा को यह सम्मान मिल चुका है.
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानाकरी के मुताबिक अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार, यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाना चाहिए जिन्होंने राष्ट्रों के बीच भाईचारे को बढ़ावा देने, स्थायी सेनाओं को खत्म करने या शांति की स्थापना और प्रचार के लिए उल्लेखनीय कार्य किया हो. नोबेल समिति के अनुसार, व्यवहार में कोई भी व्यक्ति इस पुरस्कार का पात्र हो सकता है, चाहे वह किसी भी देश या सामाजिक पृष्ठभूमि से हो.
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन करने का अधिकार कुछ विशेष वर्गों को ही है. इनमें सरकारों और संसदों के सदस्य, वर्तमान राष्ट्राध्यक्ष, विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर इतिहास, कानून, दर्शन, सामाजिक विज्ञान आदि विषय और पूर्व विजेता शामिल हैं. कोई व्यक्ति स्वयं को नामांकित नहीं कर सकता. हालांकि नामांकन सूची 50 वर्षों तक गुप्त रहती है, लेकिन नामांकित करने वाले व्यक्ति चाहें तो अपनी पसंद सार्वजनिक कर सकते हैं.
पुरस्कार के विजेता का चुनाव नॉर्वेजियन नोबेल समिति करती है, जिसमें नॉर्वे की संसद द्वारा नियुक्त पांच सदस्य शामिल होते हैं. ये सदस्य अधिकतर पूर्व राजनेता होते हैं और समिति की नियुक्ति में नॉर्वे के राजनीतिक संतुलन का ध्यान रखा जाता है. प्रत्येक वर्ष 31 जनवरी को नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो जाती है और इसके बाद फरवरी में समिति की पहली बैठक होती है. वहां से शुरू होती है शॉर्टलिस्टिंग और विशेषज्ञों के माध्यम से मूल्यांकन की प्रक्रिया.
हालांकि नेतन्याहू द्वारा ट्रंप को किया गया नामांकन इस वर्ष की समयसीमा के बाद आया है, इसलिए उस पर इस साल विचार नहीं होगा. विजेता का फैसला अक्टूबर में घोषित किया जाएगा और 10 दिसंबर को नोबेल पुरस्कार समारोह आयोजित किया जाएगा.
विजेता को एक पदक, प्रमाणपत्र, लगभग 1.15 मिलियन डॉलर की नकद राशि और वैश्विक ख्याति प्राप्त होती है. हालांकि, यह पुरस्कार कई बार राजनीतिक विवादों में भी रहा है, जैसे 1973 में हेनरी किसिंजर को दिए गए पुरस्कार पर समिति के दो सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था.