मंगलवार को आर्मेनिया की राष्ट्रीय सभा में हाथापाई हो गई. एक विपक्षी सांसद के भाषण के बाद जमकर मारपीट हुई. इस सांसद ने राष्ट्रपति निकोल पाशिनयान को पद से हटाने की मांग की. इस दौरान यूरोपीय राष्ट्र में राजनीतिक तनाव बढ़ गया. विपक्षी दल आर्मेनिया का प्रतिनिधित्व करने वाले आर्टूर सार्गस्यान ने अपना भाषण समाप्त किया था जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ एक मामले का फैसला समय से पहले कर दिया गया है और सदन से बाहर जाने की कोशिश की.
तभी अन्य सांसद उन्हें रोकने के लिए आगे बढ़े और सुरक्षा गार्ड बीच-बचाव करने दौड़े. एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, झगड़े से पहले अपने भाषण में सांसद ने कहा, आर्मेनिया 'तानाशाही का गढ़ बन गया है जहां 'सब कुछ पहले से तय, लिखित और स्वीकृत होता है'. बाद में सांसदों ने सार्गस्यान को मिली संसदीय छूट को खत्म करने के लिए मतदान किया, जिससे उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है. उन्होंने खुद को जांच समिति के सामने पेश किया, जिसने उन पर और 15 अन्य लोगों पर "सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रचने का आरोप लगाया था.
Complete chaos in the Armenian Parliament
— WBC Defenders (@WBCdefenders) July 8, 2025
Ruling party MP Vahe Ghalumyan attacked opposition MP Artur Sargsyan, who was recently stripped of his parliamentary immunity, from behind. A scuffle ensued.#Armenia pic.twitter.com/ItlzshWaVq
पाशिनयान की सरकार पर उन राजनीतिक विरोधियों पर कार्रवाई करने का आरोप है, जिन पर उनका आरोप है कि वे तख्तापलट की कोशिश कर रहे हैं. प्रभावशाली अर्मेनियाई अपोस्टोलिक चर्च सहित विपक्ष के विभिन्न सदस्य राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने देश के पड़ोसी अजरबैजान के साथ दशकों से चल रहे संघर्ष में क्षेत्रीय रियायतों पर सहमति व्यक्त की है, जिन क्षेत्रों पर दोनों प्रतिद्वंद्वी क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र का दावा करते हैं.
चर्च के वरिष्ठ नेता आर्कबिशप मिकेल अजपाहयान और बगरत गैल्स्टैनियन, कथित साज़िश में शामिल होने के आरोप में मुकदमे से पहले हिरासत में हैं. 28 जून को, अजपाहयान की गिरफ़्तारी को रोकने के लिए समर्थक राजधानी येरेवन के बाहर चर्च मुख्यालय पर जमा हुए. बाद में उन्होंने अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. अजपाहयान और गैल्स्टैनियन विपक्षी समूह "सेक्रेड स्ट्रगल" के सदस्य हैं जिसने पिछले साल पशिनयान विरोधी प्रदर्शनों में केंद्रीय भूमिका निभाई थी.