menu-icon
India Daily

हूती विद्रोहियों को मिल रही चीन से मदद? जर्मन जहाज पर लेजर हमला, बढ़ा तनाव

जर्मन रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में लाल सागर में एक चीनी युद्धपोत ने जर्मनी के निगरानी विमान पर बिना किसी पूर्व सूचना या कारण के लेजर बीम से निशाना साधा. यह विमान यूरोपीय संघ (ईयू) के मिशन एस्पाइड्स का हिस्सा था, जिसका मुख्य उद्देश्य यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा व्यापारिक जहाजों पर किए जा रहे हमलों से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

auth-image
Edited By: Gyanendra Sharma
Houthi rebels getting Chinese help Laser attack on German plane
Courtesy: Social Media

चीन लाल सागर में तनाव बढ़ा रहा है. हाल ही में एक ऐसी घटना हुई जिसने जर्मनी और चीन के बीच कूटनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है. जर्मनी ने लाल सागर में एक चीनी युद्धपोत द्वारा जर्मन निगरानी विमान पर लेजर हमले की घटना पर कड़ा विरोध जताया है. इस घटना को लेकर जर्मनी ने बर्लिन में चीनी राजदूत को तलब कर एक विरोध पत्र सौंपा है, जिसमें इस कृत्य को अस्वीकार्य करार दिया गया है.

जर्मन रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में लाल सागर में एक चीनी युद्धपोत ने जर्मनी के निगरानी विमान पर बिना किसी पूर्व सूचना या कारण के लेजर बीम से निशाना साधा. यह विमान यूरोपीय संघ (ईयू) के मिशन एस्पाइड्स का हिस्सा था, जिसका मुख्य उद्देश्य यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा व्यापारिक जहाजों पर किए जा रहे हमलों से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है. जर्मन विदेश मंत्रालय ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए इसे जर्मन कर्मियों और मिशन की सुरक्षा के लिए खतरा बताया.

रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि लेजर का उपयोग करके चीनी युद्धपोत ने न केवल हमारे कर्मियों की जान को खतरे में डाला, बल्कि उपकरणों को भी नुकसान पहुंचाने का जोखिम उठाया. सावधानी के तौर पर, जर्मनी ने इस घटना के बाद विमान का मिशन रद्द कर दिया. सौभाग्यवश, विमान सुरक्षित रूप से जिबूती स्थित अपने बेस पर लौट आया, और चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं.

मिशन एस्पाइड्स

एस्पाइड्स मिशन, जो यूरोपीय संघ की सामान्य सुरक्षा और रक्षा नीति के तहत संचालित होता है, लाल सागर, अदन की खाड़ी, और हिंद महासागर में व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा के लिए शुरू किया गया है. यह मिशन विशेष रूप से हूती विद्रोहियों के बढ़ते हमलों के जवाब में शुरू हुआ, जो गाजा में इजरायल-हमास संघर्ष के बाद से व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं. लाल सागर एक उच्च जोखिम वाला क्षेत्र है, जहां वैश्विक व्यापार का एक बड़ा हिस्सा गुजरता है. इस क्षेत्र में होने वाली किसी भी घटना का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है.