नोबेल शांति पुरस्कार, विश्व का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान, जिसे स्वीडिश उद्योगपति और डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार दिया जाता है. उनकी वसीयत में स्पष्ट है कि यह पुरस्कार उस व्यक्ति को मिलना चाहिए जिसने "राष्ट्रों के बीच भाईचारे को बढ़ाने, स्थायी सेनाओं को समाप्त करने या कम करने, तथा शांति सम्मेलनों की स्थापना और संवर्धन के लिए सबसे अधिक या सर्वोत्तम कार्य किया हो." हाल ही में इजरायल और पाकिस्तान द्वारा पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम इस पुरस्कार के लिए नामांकित किए जाने की खबर ने सोशल मीडिया पर तीखी बहस छेड़ दी है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्रंप इस सम्मान के हकदार हैं?
नोबेल शांति पुरस्कार की स्थापना 1901 में हुई थी, और तब से यह पुरस्कार 100 से अधिक व्यक्तियों और संगठनों को प्रदान किया जा चुका है. इस पुरस्कार का उद्देश्य मानवता के लिए शांति और सहयोग को बढ़ावा देना है, लेकिन कई बार इसके चयन ने विवादों को जन्म दिया है. नोबेल पुरस्कार की आधिकारिक वेबसाइट भी स्वीकार करती है कि कुछ विजेताओं को अत्यधिक विवादास्पद राजनीतिक एक्टिविस्ट के रूप में देखा गया है. उदाहरण के लिए, 1973 में वियतनाम युद्ध में शांति वार्ता के लिए हेनरी किसिंजर को पुरस्कार मिला, जिसे कई लोगों ने युद्ध को लंबा खींचने की नीतियों से जोड़ा. इसी तरह, 2009 में बराक ओबामा को उनके कार्यकाल के शुरुआती दौर में ही यह पुरस्कार मिला, जिस पर सवाल उठे कि क्या यह उनके भविष्य के वादों पर आधारित था.
अब तक चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों को यह सम्मान मिल चुका है, थियोडोर रूजवेल्ट (1906), वूड्रो विल्सन (1919), जिमी कार्टर (2002), और बराक ओबामा (2009). यदि डोनाल्ड ट्रंप को यह पुरस्कार मिलता है, तो वे पांचवें अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे, जो इस सम्मान को प्राप्त करेंगे.
डोनाल्ड ट्रंप का नामांकन
डोनाल्ड ट्रंप का नामांकन मुख्य रूप से उनके कार्यकाल के दौरान मध्य पूर्व में किए गए कुछ शांति प्रयासों के लिए किया गया है. खास तौर पर, अब्राहम समझौते को उनके समर्थक एक ऐतिहासिक कदम मानते हैं, जिसने इजरायल और कई अरब देशों (संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, और बाद में मोरक्को) के बीच राजनयिक संबंध स्थापित किए. इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन ने उत्तर कोरिया के साथ बातचीत और सर्बिया-कोसोवो आर्थिक समझौते जैसे कदम भी उठाए, जिन्हें कुछ लोग शांति की दिशा में योगदान मानते हैं.
शांति पुरस्कार के योग्य दावेदार मानते हैं ट्रंप
ट्रंप खुद को नोबेल शांति पुरस्कार के योग्य दावेदार मानते हैं. ट्रंप ने कहा कि कुछ लोग मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं देना चाहते ये गलत है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जब ओबामा सत्ता में आए, तो उन्होंने कहा, 'हम उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार देने जा रहे हैं. इसपर ओबामा ने सचमुच कहा, "मैंने क्या किया? मैंने कुछ नहीं किया.' उन्होंने आठ साल तक कुछ नहीं किया. बता दें कि इजरायल ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया है.