Us Israel Plan of Gaza: गाजा पट्टी पर इजरायली हमले तेज हैं. इजरायली सेना ने अब जमीनी कार्रवाई भी तेज कर दी है. इजरायली सेना के ऑपरेशन में 100 से ज्यादा हमास के कमांडर मारे गए हैं. इस बीच अमेरिका और इजरायल गाजा पर हमास के बाद उसके भविष्य की योजनाओं पर काम कर रहे हैं. इस प्लान के तहत विचार हो रहा है कि हमास के आतंकियों को खत्म करने के बाद गाजा का प्रशासन पड़ोस के देशों या यूएन को कुछ समय के लिए सौंप दिया जाए.
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और इजरायल के इस प्लान में कहा गया है कि यूएन द्वारा अल्प समय के लिए प्रशासन संभाले जाने के दौरान फिलिस्तीन की एक सरकार का गठन किया जाए. जब व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जाएं तब गाजा का प्रशासन स्थानीय सरकार को सौंप दिया जाए. हालांकि इजरायल इस प्लान से दूर रहना चाहता है. ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती यही है कि किन देशों को गाजा पट्टी का प्रशासन चलाने की जिम्मेदारी सौंपी जाए.
रॉयटर्स की खबर के अनुसार, इसको लेकर अमेरिकी रक्षा मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस संबंध में मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई थी. मीटिंग के बाद उन्होंने कहा था कि हमने कई विकल्पों के ऊपर मंथन किया है. इसमें सबसे प्रमुख यही है कि कई देश मिलकर साथ काम करें. ब्लिंकन ने इस मौके पर कहा कि फिलहाल हमारे पास अभी सबसे बेहतर विकल्प यही नजर आता है कि हम फिलिस्तीनी प्रशासन को इसकी जिम्मेदारी सौंप दें.
रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि हम फिलिस्तीनी अथॉरिटी को प्रशासन सौंप तो दें लेकिन इसमें कई कठिनाइयां शामिल हैं. उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो फिर हमें अस्थायी विकल्पों के ऊपर हमें विचार करना होगा. इसका सबसे अच्छा तरीका यही होगा कि कई देश मिलकर गाजा का प्रशासन चलाएं. ब्लिंकन ने कहा कि इसके अलावा गाजा की जिम्मेदारी यूएन और उसकी एजेंसियों को दे सकते हैं जो उनकी सुरक्षा और देख-रेख करेगी.
हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया था. इस हमले में इजरायल के 1400 लोग मारे गए थे. इजरायल ने इस हमले पर कहा था कि होलोकास्ट के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब इतनी बड़ी संख्या में यहूदियों का नरसंहार हुआ. तब से इजरायल यह बार-बार दोहरा रहा है कि वह हमास के खात्मे के बाद ही इस जंग को रोकेगा. इजरायली पीएम बीबी ने तो यूएन और कई देशों की सीजफायर की अपील तक को खारिज कर दिया था. उन्होंने सोमवार को कहा था कि हमास के सामने सीजफायर करना उसके सामने सरेंडर करने जैसा है. हम ऐसा हरगिज नहीं करेंगे.
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