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Iran Energy Exports: अमेरिका ने भारतीय नागरिक और 50 से अधिक संस्थाओं पर लगाया प्रतिबंध, सामने आई ये बड़ी वजह

Iran Energy Exports: अमेरिका ने ईरान की ऊर्जा निर्यात गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए 50 से अधिक संस्थाओं, जहाजों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाए हैं. इसमें दो भारतीय नागरिक भी शामिल हैं जिन्होंने जहाजों के जरिए ईरानी एलपीजी को चीन और पाकिस्तान तक पहुंचाने में मदद की. अमेरिका ने उनकी संपत्तियां जब्त कर ली हैं और किसी भी अमेरिकी को उनसे लेन-देन करने से मना किया है.

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Edited By: Km Jaya
अमेरिका ईरान प्रतिबंध
Courtesy: Pinterest

Iran Energy Exports: अमेरिका ने ईरान की ऊर्जा निर्यात गतिविधियों को रोकने के लिए कड़ा कदम उठाते हुए 50 से अधिक कंपनियों, व्यक्तियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं जिनमें दो भारतीय नागरिक भी शामिल हैं. अमेरिकी वित्त विभाग के ऑफिस ऑफ फॉरेन एसेट्स कंट्रोल (OFAC) ने गुरुवार को इन प्रतिबंधों की घोषणा की. विभाग का कहना है कि ये लोग और संस्थाएं मिलकर अरबों डॉलर मूल्य का पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पाद निर्यात कराने में मदद कर रहे थे जिससे ईरानी सरकार को बड़ा राजस्व प्राप्त हो रहा था. 

यह धनराशि आतंकवादी संगठनों तक भी पहुंचाई जा रही थी जो अमेरिका की सुरक्षा के लिए खतरा है. वित्त विभाग के सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा कि अमेरिका ईरान के नकदी प्रवाह को रोकने और उसकी ऊर्जा निर्यात मशीनरी को कमजोर करने के लिए सख्त कदम उठा रहा है. इन कदमों का लक्ष्य ईरान की पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल निर्यात गतिविधियों पर अंकुश लगाना है.

प्रतिबंधित व्यक्तियों इन लोगों का नाम शामिल

प्रतिबंधित व्यक्तियों में भारत के वरुण पुला और सोनिया श्रेष्ठा के नाम शामिल हैं. वरुण पुला 'बर्था शिपिंग इंक' के मालिक हैं जो मार्शल आइलैंड्स में स्थित कंपनी है. यह कंपनी कोमोरोस ध्वज वाले जहाज 'पामीर' का संचालन करती है जिसने जुलाई 2024 से अब तक लगभग 40 लाख बैरल ईरानी एलपीजी चीन पहुंचाई. वहीं सोनिया श्रेष्ठा 'वेगा स्टार शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड' की मालिक हैं जो कोमोरोस ध्वज वाले जहाज 'नेप्टा' का संचालन करती हैं. यह जहाज जनवरी 2025 से पाकिस्तान को ईरानी एलपीजी भेज रहा था.

अमेरिकी नागरिक या कंपनियों के साथ नहीं होगा लेन-देन

अमेरिकी वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों या संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है उनकी अमेरिका में मौजूद सभी संपत्तियां और हित जब्त कर लिए जाएंगे और उनकी सूचना OFAC को दी जानी चाहिए. अमेरिकी नागरिक या कंपनियां इनके साथ कोई लेन-देन नहीं कर सकेंगी. इसके अलावा जिन कंपनियों में प्रतिबंधित व्यक्तियों की 50 प्रतिशत या अधिक हिस्सेदारी होगी वे भी स्वतः प्रतिबंध के दायरे में आ जाएंगी.