दुनिया में बढ़ते तृतीय विश्व युद्ध के खतरे को देखते हुए उत्तर कोरिया का तानाशाह एक्टिव हो गया है और अब वह अपनी और अपने दोस्तों की जान बचाने के लिए बंकरनुमा तीन लग्जरी महल बनवा रहा है. सैटेलाइट इमेज में इन महलों पर तेजी से काम होता हुआ दिखाई दे रहा है. कहा जा रहा है कि ये महल इतने मजबूत होंगे कि इन पर किसी बम, गोला, बारूद का कोई असर नहीं होगा.
उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में किम जोंग-उन द्वारा एक बार फिर भव्य निर्माण कार्य शुरू होने की खबरें सामने आई हैं. रिपोर्टों के अनुसार, कुंसुसान स्टेट गेस्टहाउस परिसर में तीन बड़े महलों का विकास तेजी से चल रहा है. कहा जा रहा है कि ये महल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य शीर्ष मेहमानों के लिए बनाए जा रहे हैं. हाल में प्राप्त सैटेलाइट तस्वीरों में नई मंजिलें, सपोर्ट बिल्डिंग्स और लगातार बढ़ती गतिविधियां दिखाई दे रही हैं.
अक्टूबर से जारी सैटेलाइट तस्वीरों में दिख रहा है कि तीनों महलों पर लगातार काम हो रहा है. हर इमारत करीब 1.4 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में फैली बताई जा रही है. दिसंबर में ली गई उच्च-रिजॉल्यूशन तस्वीरों में नए फ्लोर और आसपास तैयार की जा रहीं इमारतें स्पष्ट दिखाई देती हैं. इससे संकेत मिलता है कि निर्माण कार्य बेहद तेजी से हो रहा है.
रिपोर्टों के मुताबिक यह पूरा परिसर भविष्य में पुतिन व अन्य खास मेहमानों के लिए उपयोग किया जा सकता है. 2019 में यहां तैयार किए गए गेस्टहाउस मात्र चार महीनों में बनकर तैयार हो गए थे. इस बार भी निर्माण लगभग उसी गति से आगे बढ़ रहा है. माना जा रहा है कि बढ़ते रूस-उत्तर कोरिया संबंधों के बीच यह क्षेत्र कूटनीतिक मुलाकातों का प्रमुख केंद्र बन सकता है.
यूक्रेन युद्ध के बाद रूस और उत्तर कोरिया की नजदीकियां बढ़ी हैं. पुतिन 2024 में प्योंगयांग भी गए थे. किम की हवाई यात्रा से दूरी के कारण उनकी मुलाकातें आमतौर पर रूस के नजदीकी शहर व्लादिवोस्तोक में होती हैं. इसी कारण कयास लगाए जा रहे हैं कि ये नए महल भविष्य की उच्च-स्तरीय मुलाकातों के लिए बनाए जा रहे हों.
अक्टूबर में, निर्माण शुरू होने के समय के आसपास, डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया जाने का प्रस्ताव दिया था. हालांकि किम ने इस पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी. वहीं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी किम के संभावित भविष्य के मेहमान माने जा रहे हैं, हालांकि किसी भी विदेश नेता की यात्रा की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.