अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेडरल रिजर्व के चेयर जेरोम पॉवेल पर अपनी आलोचना को और तीखा कर दिया है. उन्होंने पॉवेल पर उच्च ब्याज दरों के कारण अमेरिकी आवास बाजार को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया और फेडरल रिजर्व के मुख्यालय के 2.5 बिलियन डॉलर के रिनोवेशन प्रोजेक्ट को लेकर उनकी बर्खास्तगी की संभावना जताई.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार (18 जुलाई) को ट्रुथ सोशल पर दो तीखे पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पॉवेल को "नंब्सकुल" और "मेरी सबसे खराब नियुक्तियों में से एक" करार दिया. उन्होंने कहा, "वह वास्तव में मेरी सबसे खराब नियुक्तियों में से एक हैं. स्लीपी जो ने उनकी खराबी देखी और फिर भी उन्हें फिर से नियुक्त किया. फेड बोर्ड ने इस ‘नंब्सकुल’ को इतने सारे लोगों को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया. कई मायनों में बोर्ड भी उतना ही जिम्मेदार है!
"ब्याज दरों और रिनोवेशन पर उठाए सवाल
ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मजबूत है और मुद्रास्फीति "बेहद कम" है, फिर भी पॉवेल ने उधार की लागत को ऊंचा रखा है. “अमेरिका शानदार प्रदर्शन कर रहा है. हमें 1% ब्याज दर पर होना चाहिए, जिससे सालाना एक ट्रिलियन डॉलर की बचत हो सकती है,” ट्रंप ने कहा और पॉवेल से “ब्याज दर कम करें, अब बहुत देर हो चुकी है!” उनकी मांग की. इसके अलावा, ट्रंप ने वाशिंगटन डीसी में फेडरल रिजर्व के भवनों के 2.5 से 2.7 बिलियन डॉलर के रिनोवेशन प्रोजेक्ट की लागत पर सवाल उठाए. उन्होंने बुधवार को संकेत दिया कि इस प्रोजेक्ट में “धोखाधड़ी” हो सकती है, जिसे आधार बनाकर पॉवेल को हटाया जा सकता है.
पॉवेल ने दिया ये जवाब
पॉवेल ने व्हाइट हाउस के बजट निदेशक रसेल वॉट को पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि रिनोवेशन में कोई विलासिता, जैसे वीआईपी डाइनिंग रूम या निजी लिफ्ट, शामिल नहीं है. उन्होंने बताया कि भवनों को “महत्वपूर्ण संरचनात्मक मरम्मत” की जरूरत है और फेडरल रिजर्व के इंस्पेक्टर जनरल से स्वतंत्र समीक्षा की मांग की.
क्या राष्ट्रपति हटा सकते हैं फेड चेयर?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि फेड चेयर को हटाना आसान नहीं है. कोलंबिया लॉ स्कूल के एसोसिएट प्रोफेसर लेव मेनांड ने कहा, “अभी तक व्हाइट हाउस ने कोई ऐसा सबूत सार्वजनिक नहीं किया है जो रिनोवेशन में कुप्रबंधन का संकेत दे. उपलब्ध जानकारी के आधार पर, पॉवेल को ‘कारण’ के लिए हटाने का कोई आधार नहीं है.” कानूनी विद्वानों के अनुसार, राष्ट्रपति को हटाने के लिए “कदाचार,” “अक्षमता,” या “कर्तव्य की उपेक्षा” जैसे कारण दिखाने होंगे. इस प्रक्रिया में औपचारिक आरोप, पॉवेल का जवाब और लंबी प्रक्रिया शामिल होगी, जो वित्तीय बाजारों में अस्थिरता पैदा कर सकती है.
मार्केट पर पड़ा प्रभाव
एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि पॉवेल को जबरन हटाने की कोशिश से बाजार में उथल-पुथल मच सकती है. आईएनजी के पाध्रिक गार्वे ने कहा, “इसका तत्काल प्रभाव शेयर बाजार पर पड़ सकता है. यह एक प्रतिष्ठित फेड चेयर का अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा जबरन बाहर निकाला जाना होगा, जो बाजार के लिए अभूतपूर्व होगा.” हालांकि, कुछ निवेशक यह अनुमान लगा सकते हैं कि नेतृत्व परिवर्तन से ब्याज दरों में कटौती तेज हो सकती है, जो शेयरों को बढ़ावा दे सकता है. फिर भी, फेडरल ओपन मार्केट कमेटी के 12 मतदान सदस्य स्वतंत्र रूप से मुद्रास्फीति और रोजगार डेटा का मूल्यांकन करते हैं, जिससे नीतिगत बदलाव अनिश्चित है.