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ईरान में बिगड़े हालात को देख ट्रंप ने अमेरिकी कर्मचारियों को बुलाया वापस, कहा-'खतरनाक जगह है...'

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि मध्य-पूर्व में बढ़ते खतरे को देखते हुए अमेरिकी कर्मचारियों को वहां से निकाला जा रहा है. उनका कहना था कि यह क्षेत्र खतरनाक जगह बन सकता है और अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं देगा.

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Edited By: Princy Sharma
US and Iran
Courtesy: Social Media

US and Iran: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि मध्य-पूर्व में बढ़ते खतरे को देखते हुए अमेरिकी कर्मचारियों को वहां से निकाला जा रहा है. उनका कहना था कि यह क्षेत्र खतरनाक जगह बन सकता है और अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं देगा.

अमेरिका ने बुधवार को इस बारे में जानकारी दी कि वह अपने इराक स्थित दूतावास के कुछ कर्मचारियों को निकालने की योजना बना रहा है और मध्य-पूर्व के अन्य स्थानों से सैन्यकर्मियों के परिवारों को बाहर भेजेगा. यह फैसला सुरक्षा खतरे बढ़ने की वजह से लिया गया है, हालांकि अधिकारियों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि किस प्रकार के खतरे थे.

रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ने बहरीन और कुवैत से अपने सैन्य कर्मचारियों के परिवारों की स्वैच्छिक निकासी की अनुमति दी है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने 11 जून को अपने गैर-आपातकालीन कर्मचारियों की निकासी का आदेश दिया था और अब इस कदम को और आगे बढ़ाया जा रहा है.

इजराइल की तैयारियों का असर

इस बीच, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार, इजराइल ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की तैयारी कर रहा है. ट्रंप ने इस संदर्भ में कहा, 'ईरान को परमाणु हथियार नहीं मिल सकते. यह बहुत ही साधारण बात है.' ट्रंप का कहना है कि वह ईरान के साथ परमाणु समझौते को लेकर अब कम unsafe महसूस कर रहे हैं.

ईरान की चेतावनी

ईरान के रक्षा मंत्री ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ईरान पर हमला हुआ तो वह अमेरिकी ठिकानों पर जवाबी हमला करेगा.

मध्य-पूर्व में बढ़ते तनाव

इस समय मध्य-पूर्व में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों से जुड़े परिवारों को वापस बुलाने का आदेश देने के बाद, तेल की कीमतों में 4 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई है. इसके साथ ही ब्रिटेन ने भी इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच समुद्री मार्गों पर यात्रा करते समय सतर्क रहने की सलाह दी है.

क्या होगा आगे?

यह निर्णय उस समय लिया गया है जब ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु मुद्दे पर बातचीत पूरी तरह से ठप हो गई है. दोनों देशों के बीच संघर्ष की स्थिति बनती जा रही है, और विशेषज्ञ मानते हैं कि यह स्थिति और भी जटिल हो सकती है. अमेरिका और इजराइल दोनों ही ईरान के खिलाफ कोई न कोई सैन्य कार्रवाई करने की स्थिति में हैं, जबकि ईरान अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में इस पूरे मामले में आगामी दिनों में और भी घमासान देखने को मिल सकता है.

आगे क्या होगा?

मध्य-पूर्व में युद्ध की संभावना और ईरान के खिलाफ बढ़ती कार्रवाई को देखते हुए, यह क्षेत्र वैश्विक राजनीति का एक बड़ा केंद्र बनता जा रहा है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि किसी भी सैन्य कार्रवाई के गंभीर परिणाम होंगे, और यही कारण है कि इस स्थिति को बहुत बारीकी से देखा जा रहा है.
 

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