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UN ने गाजा को घोषित किया 'पृथ्वी का सबसे भूखा स्थान', कहा- 100% लोग अकाल के जोखिम में

जर्मन विदेश मंत्री योहान वाडेफुल ने फॉक्स न्यूज को बताया, "हम इजरायल के साथ खड़े हैं." उन्होंने कहा, "हमारी ऐतिहासिक जिम्मेदारी और इजरायल की सुरक्षा के लिए हम निकट सहयोगी हैं." हालांकि, उन्होंने गाजा में मानवीय स्थिति को "बेहद गंभीर" बताते हुए इजरायल से सहायता की अनुमति देने की मांग की.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
UN declares Gaza hungriest place on Earth says 100 percent of people at risk of famine

संयुक्त राष्ट्र ने गाजा में गहराते मानवीय संकट को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है, जहां पूरी आबादी अकाल के खतरे में है. संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) के प्रवक्ता जेन्स लार्के ने एएफपी न्यूज एजेंसी को बताया, "गाजा पृथ्वी का सबसे भूखा स्थान है." उन्होंने कहा, "यह एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहां पूरी आबादी—100% लोग—अकाल के जोखिम में हैं." लार्के ने इजरायली अधिकारियों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि सहायता अवरोधों के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है. हाल के दिनों में 900 ट्रक सहायता को मंजूरी मिली, लेकिन केवल 600 ट्रक ही गाजा में उतारे गए. "यह सीमित सहायता एक बूंद के समान है," लार्के ने इसे ‘खाद्य की बूंद-बूंद आपूर्ति’ करार दिया.  

जर्मनी में इजरायल की नीतियों पर सवाल
जर्मन मध्य पूर्व विशेषज्ञ रेने विल्डएंजल ने डीडब्ल्यू को बताया कि इजरायल के गाजा युद्ध की आलोचना अब कार्रवाई में बदलनी चाहिए. उन्होंने इजरायल पर हथियार प्रतिबंध को "आवश्यक" बताया. "चांसलर फ्रेडरिक मर्ज कहते हैं कि वे [इजरायल के युद्ध] उद्देश्यों को नहीं समझते, तो मैं कहूंगा कि उन्हें इजरायली नेताओं को सुनना चाहिए, जो स्पष्ट रूप से कहते हैं कि उनका लक्ष्य गाजा से फिलिस्तीनियों का स्थायी कब्जा और निष्कासन है," विल्डएंजल ने कहा. उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल आलोचना पर्याप्त नहीं है, "हमें हथियार प्रतिबंध और इजरायल के साथ व्यापार संबंधों की बात करनी चाहिए."  

जर्मनी का रुख और मानवीय अपील
जर्मन विदेश मंत्री योहान वाडेफुल ने फॉक्स न्यूज को बताया, "हम इजरायल के साथ खड़े हैं." उन्होंने कहा, "हमारी ऐतिहासिक जिम्मेदारी और इजरायल की सुरक्षा के लिए हम निकट सहयोगी हैं." हालांकि, उन्होंने गाजा में मानवीय स्थिति को "बेहद गंभीर" बताते हुए इजरायल से सहायता की अनुमति देने की मांग की.

चुनौतियां और राहत कार्य
लार्के ने कहा कि सहायता मिशन "संचालनात्मक बाधाओं" में फंसा है, जो इसे विश्व की सबसे अवरुद्ध सहायता प्रक्रियाओं में से एक बनाता है. रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट के प्रवक्ता टॉमासो डेला लोंगा ने बताया कि क्षेत्र में उनकी आधी चिकित्सा सुविधाएं ईंधन और उपकरणों की कमी के कारण बंद हैं.