चीन ने अपने पावर ग्रिड को बड़े पैमाने पर ब्लैकआउट से बचाने के लिए एक अत्याधुनिक तकनीक, ‘डायमंड रिंग’ को अपनाया है. यह क्वांटम-संचालित उपकरण, जिसमें डायमंड सेंसरों का उपयोग किया गया है, रीयल-टाइम में ग्रिड की अस्थिरता को 0.05% सटीकता के साथ पहचानता है. यह नवाचार ऐसे समय में आया है, जब विश्व भर में नवीकरणीय ऊर्जा की अस्थिरता और पुराने बुनियादी ढांचे के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है. अप्रैल में स्पेन, पुर्तगाल और फ्रांस में ग्रिड दोलनों के कारण बड़े पैमाने पर ब्लैकआउट हुआ था. पिछले साल चीन के शिनजियांग में सौर और पवन ऊर्जा की अनियमितता ने स्थानीय ग्रिड को अस्थिर किया था.
‘डायमंड रिंग’ की अनूठी विशेषताएं
वैश्विक स्तर पर अग्रणी तकनीक
इस साल की शुरुआत में लिउझोउ में विश्व का पहला ±800kV अल्ट्रा-हाई-वोल्टेज क्वांटम सेंसर स्थापित किया गया, जो -40 से 85 डिग्री सेल्सियस तक करंट माप सकता है. झांग ने कहा, "ये तकनीकें लंबी दूरी की बिजली ट्रांसमिशन की सुरक्षा और उपकरण स्थिति की निगरानी के लिए न्यूनतम हस्तक्षेप वाला समाधान प्रदान करती हैं." मार्च में APL Photonics पत्रिका में प्रकाशित इस शोध ने वैश्विक ध्यान खींचा.
ऊर्जा क्रांति में योगदान
यह तकनीक चीन के विशाल बुनियादी ढांचे और क्वांटम विज्ञान के मिश्रण का प्रतीक है, जो नवीकरणीय ऊर्जा के युग में बिजली आपूर्ति को स्थिर रखने में मदद करेगी.