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India Daily

'भारत को रेड लाइन क्रॉस नहीं करने देंगे', असीम मुनीर के बाद अब पाक PM ने सिंधू जल समझौते पर दी भारत को गीदड़ भभकी

सिंधु जल संधि पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. भारत का आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख और पाकिस्तान की चेतावनियां इस मुद्दे को और जटिल बना रही हैं.

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Edited By: Mayank Tiwari
Pakistan's Prime Minister Shehbaz Sharif
Courtesy: X@CMShehbaz

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार (30 मई) को भारत को चेतावनी दी कि वह सिंधु जल संधि को निलंबित करने की "लाल रेखा" को पार नहीं करने देगा. ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में ग्लेशियर्स संरक्षण पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए शरीफ ने भारत के इस कदम को "बेहद खेदजनक" बताया. उन्होंने कहा, "भारत का सिंधु जल संधि, जो सिंधु बेसिन के जल बंटवारे को नियंत्रित करती है, को एकतरफा और अवैध रूप से निलंबित करने का निर्णय बेहद खेदजनक है.

पाकिस्तानी न्यूज पोर्टल डॉन ने शरीफ के हवाले से लिखा, "लाखों लोगों की जिंदगी को संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए, और पाकिस्तान इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. हम लाल रेखा को पार करने की अनुमति कभी नहीं देंगे." उनकी यह टिप्पणी पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की उस चेतावनी के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था, "जल पाकिस्तान की लाल रेखा है, और इस्लामाबाद इस पर कोई समझौता नहीं होने देगा."

सिंधु जल संधि का निलंबन

भारत ने अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, उसके बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था. नई दिल्ली ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद नहीं करता, यह संधि निलंबित रहेगी. 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई इस संधि में सिंधु नदी और इसकी पांच सहायक नदियों- सतलुज, ब्यास, रावी, झेलम और चिनाब के जल बंटवारे और सूचना आदान-प्रदान का तंत्र निर्धारित है.

भारत का कड़ा रुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में कहा, "पाकिस्तान को भारत की नदियों का एक बूंद पानी भी नहीं मिलेगा. भारतीयों के खून से खिलवाड़ करने की कीमत पाकिस्तान को चुकानी पड़ेगी. यह भारत का संकल्प है, और दुनिया में कोई भी हमें इस प्रतिबद्धता से नहीं रोक सकता. 

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में भी पाकिस्तान पर संधि के भावना का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथनेनी हरिश ने पिछले सप्ताह कहा, "पाकिस्तान ने तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमलों के जरिए संधि की भावना का उल्लंघन किया है. पिछले चार दशकों में 20,000 से अधिक भारतीय आतंकी हमलों में मारे गए हैं, जिनमें हाल ही में पहलगाम में पर्यटकों पर कायराना हमला शामिल है. भारत ने इस दौरान असाधारण धैर्य और उदारता दिखाई है.